भारत में सिर्फ 12% हाइपरटेंशन के मामले हैं नियंत्रित! जानें क्यों?


 क्या आप जानते हैं भारत में हाइपरटेंशन यानी कि उच्च रक्तचाप मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। जी हाँ, कुछ सर्वे में इस बात की पुष्टि की गयी है। इतना ही नहीं सर्वे में सामने आये आँकड़ें ये भी बताते हैं कि भारत में हाइपरटेंशन के मामले बहुत तेजी से फैल रहे हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि युवा पीढ़ी में भी हाइपरटेंशन के मामले बढ़ रहे हैं। हाइपरटेंशन से जुड़े आँकड़ों पर चर्चा करने से पहले ये जानना जरूरी है कि ये बीमारी आखिर है क्या?


हाइपरटेंशन:DocTubeBlog

क्या है हाइपरटेंशन?

हाइपरटेंशनक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में रक्त के प्रवाह को सामान्य बनाये रखने के लिए दिल को अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। जब व्यक्ति के शरीर में रक्त का दबाव 120/80 एमएमएचजी से ज्यादा हो जाता है तो इसका मतलब उसे हाइपरटेंशन है।

भारत में 4 में से 1 व्यक्ति को है हाइपरटेंशन!

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के मुताबिक भारत में तकरीबन 220 मिलियन लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। हर 4 भारतीय में से 1 इस समस्या से पीड़ित है। आँकड़ों की मानें तो भारत में सिर्फ 12% लोग ऐसे हैं जिनका हाइपरटेंशन नियंत्रण में है। अगर वैश्विक स्तर पर देखा जाये तो वर्ष 2021 तक महज 21% हाइपरटेंशन के मामलों पर ही नियंत्रण पाना संभव हो पाया था। दूसरी तरफ वर्ष 2019-2020 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की तरफ से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 24% पुरुष और 21% महिलाएं उच्च रक्तचाप से पीड़ित थीं। वहीं वर्ष 2015-16 में ये आँकड़ा क्रमशः 19% और 17% था4। आँकड़ों से ये साफ पता चल रहा है कि देश में हाइपरटेंशन के मामले बढ़ रहे हैं। 



ज्यादातर लोग अपनी बीमारी से रहते हैं अंजान

यहाँ एक बेहद अहम सवाल ये खड़ा होता है कि इलाज आसान होने के बाद भी क्यों नियंत्रित उच्च रक्तचाप के मामले इतने कम है? इसका साधारण सा जवाब है - जानकारी का अभाव। हमारे देश में कुछ लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित होने के बाद भी अपनी ही बीमारी से अंजान रहते हैं। ये वे लोग हैं, जिनमें इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आते। दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इस रोग के लक्षणों का ही पता नहीं है और वे हाइपरटेंशन होने के बाद भी बेफिक्र रहते हैं। ये दोनों ही स्थितियां व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसीलिए तो हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। जरूरी है कि लोग जानकार बनें और हाइपरटेंशन के लक्षणों को समझें।


एक नजर डालें हाइपरटेंशन के लक्षणों पर


  • सांस फूलना

  • सिरदर्द

  • थकान

  • कमजोरी महसूस होना

  • पसीना आना

  • धुंधली दृष्टि

  • उल्टी

  • जी घबराना

  • अनियमित दिल की धड़कन


चिकित्सकों की मानें तो उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है। हालांकि, ये तभी हो सकता है जब मरीज सही समय पर अपना इलाज कराए। इसीलिए हाइपरटेंशन के लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर दवाईयां शुरू करें। 


References


  1. Prenissl, J., Manne-Goehler, J., Jaacks, L.M., Prabhakaran, D., Awasthi, A., Bischops, A.C., Atun, R., Bärnighausen, T., Davies, J.I., Vollmer, S. and Geldsetzer, P., 2019. Hypertension screening, awareness, treatment, and control in India: a nationally representative cross-sectional study among individuals aged 15 to 49 years. PLoS medicine, 16(5), p.e1002801.

  2. World Health Organization. 2023. India Hypertension Control Initiative, a high impact and low-cost solution (no date) World Health Organization. Available at: Source (Accessed: March 27, 2023). 

  3. World Health Organization. 2023. Global Health Estimates: Life Expectancy and leading causes of death and disability (no date) World Health Organization. World Health Organization. Available at: Source (Accessed: March 27, 2023). 

International Institute for Population Sciences, 2021. National Family Health Survey (NFHS-5), 2019–21. International Institute for Population Sciences;.

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