बांझपन के अलावा पीसीओएस से हो सकती हैं ये 4 गंभीर बीमारियां
आजकल महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक आम बीमारी बन चुकी है। आँकड़ों की मानें तो भारत में हर 5 में से 1 महिला पीसीओएस से पीड़ित है1। ज्यादातर महिलाएं सही समय पर इस समस्या का इलाज नहीं कराती, जिसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों के बारे में जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि पीसीओएस रोग क्या होता है?
पीसीओएस क्या है?
महिलाओं में पीसीओएस की समस्या हार्मोन के असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है। इसमें अंडाशय एस्ट्रोजन नामक पुरुष हार्मोन का उत्पादन ज्यादा मात्रा में करने लगती है। इसके कारण अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट विकसिक हो जाते हैं। इस वजह से महिलाओं को अनियमित माहवारी होती है और कई सारी तकलीफों से गुजरना पड़ता है।
सबसे बड़ी समस्या है बांझपन
बांझपन का सबसे प्रमुख कारण पीसीओएस को माना जाता है। इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें गर्भधारण में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई रिसर्च में ये भी पाया गया है कि जब महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी होती है, तब जाँच कराने पर उन्हें पीसीओएस के बारे में पता चलता है। हालांकि, ये कहना गलत होगा कि इस समस्या से पीड़ित महिलाएं गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज शुरू हो जाये तो प्राकृतिक तरीके से भी महिला माँ बन सकती है।
ये तो बात हो गयी बांझपन की लेकिन इसके अलावा भी 4 ऐसी गंभीर बीमारियां हैं जो पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अपनी चपेट में ले सकती है।
महिलाएं हो सकती हैं मधुमेह का शिकार
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी के कारण शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। अध्ययनों में ये बताया गया है कि पीसीओएस से पीड़ित ज्यादातर महिलाएं एक उम्र के बाद टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो सकती हैं।
उच्च रक्तचाप का बढ़ जाता है खतरा
पीसीओएस में हार्मोन की गड़बड़ी, महिलाओं में उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ा देती है। इस अवस्था में महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी वृद्धि हो जाती है। इन कारणों से महिलाएं उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकती हैं।
हो सकती है दिल की बीमारी
अगर किसी महिला को मधुमेह, उच्च रक्तचाप या मोटापे की समस्या है, तो जाहिर सी बात है कि उसे हृदय संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं। इसीलिए पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में कार्डियोवैस्कुलर रोग जैसे हार्ट अटैक व अन्य बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।
हो सकता है एंडोमेट्रियल कैंसर
आँकड़ों की मानें तो पीसीओएस के कारण महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर होने का खतरा 2.7 गुणा बढ़ जाता है2। एंडोमेट्रियम गर्भाशय की अंदरूनी परत होती है। कई बार महिलाएं पीसीओएस का इलाज सही समय पर नहीं कराती हैं। इसकी वजह से धीरे-धीरे उनमें एंडोमेट्रियल कैंसर के विकसित होने की आशंका बढ़ जाती है।
पीसीओएस को सिर्फ एक सामान्य बीमारी न समझें। ये आपके जान के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। सही समय पर पीसीओएस का निदान और इलाज होना जरूरी है, तभी इससे निजात पाया जा सकता है।
Reference
Bhaskar (2022) लड़कियों में बढ़ रही PCOS की समस्या: भारत में हर 5 में से एक युवा महिला इसकी शिकार, टीनएज में मोटापा बड़ी वजह. Source (Accessed: 29 March 2023)
Dumesic, D.A. and Lobo, R.A., (2013). Source (Accessed: 29 March 2023).).
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