क्या मोटापा बढ़ा रहा है बच्चों में उच्च रक्तचाप का खतरा?

मोटापा: DocTubeBlog

जब बात उच्च रक्तचाप की हो तो सबसे पहले आपके मन में क्या आता है? यही ना कि ये तो बुजुर्गों में होने वाला रोग है। सिर्फ आप ही नहीं ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि उच्च रक्तचाप बड़ों में होने वाली बीमारी है लेकिन अब ऐसा नहीं है। ये बीमारी आपके बच्चे को भी अपनी चपेट में ले सकती है। वर्तमान समय में बच्चों में उच्च रक्तचाप के मामले मिलना कोई हैरानी की बात नहीं है। ऐसे कई कारण हैं जो बच्चे को इस बीमारी का शिकार बना सकते हैं। इनमें सबसे मुख्य कारण है मोटापा।



कहीं आपके बच्चे का वजन तो नहीं बढ़ रहा!


कई सर्वे में ये बताया गया है कि जिन बच्चों का वजन बढ़ा हुआ है, उन च्चों में उच्च रक्तचाप होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि सामान्य वजन वाले बच्चे इस बीमारी का शिकार नहीं हो सकते। कुछ अध्ययनों की मानें तो सामान्य वजन वाले बच्चों में भी उच्च रक्तचाप के मामले पाये गये हैं लेकिन अधिक वजन वाले बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखी गयी है। इसीलिए अगर आपके बच्चे का वजन भी बढ़ रहा है तो सावधान हो जायें वरना वो भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो सकता है।

उच्च रक्तचाप से बचाना है तो बच्चे के वजन को करें नियंत्रित


आजकल बच्चों का झुकाव जंक फूड की तरफ ज्यादा होता है। इसके अलावा बच्चे दिनभर घर पर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी के सामने बैठे रहते हैं। उनकी शारीरिक गतिविधि बहुत कम हो गयी है। इन वजहों से बच्चे का वजन बढ़ रहा  है और उन्हें बीमार बना रहा है। कई चिकित्सकों का भी यही कहना है कि उनके पास बच्चों में उच्च रक्तचाप के जितने मामले आ रहे हैं, उसका मुख्य कारण बढ़ता वजन ही है। इसीलिए बच्चों के वजन को नियंत्रित करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए बच्चे को,

  • घर का संतुलित भोजन दें

  • बाहर का खाना न खिलाएं 

  • बाहर खेलने जाने के लिए प्रोत्साहित करें


बच्चों में उच्च रक्तचाप के और भी हैं कई कारण


बच्चों में उच्च रक्तचाप मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं - प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी यानी कि प्राथमिक उच्च रक्तचाप की समस्या 6 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों में देखी जाती है, जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं -


  • बढ़ा हुआ वजन

  • आनुवंशिक

  • उच्च कोलेस्ट्रॉल

  • शारीरिक गतिविधियों की कमी

  • नमक का ज्यादा सेवन

  • पोषण की कमी


वहीं सेकेंडरी यानी कि माध्यमिक उच्च रक्तचाप की समस्या ज्यादातर 6 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिलती है, जिसके मुख्य कारण हैं -


  • हृदय संबंधी बीमारियां

  • किडनी की समस्याएं जैसे पॉलीसिस्टिक किडनी, रीनल आर्टरी स्टेनोसिस

  • हार्मोनल विकार

  • नींद से जुड़ी बीमारियां

  • हाइपरथायरॉयडिज्म

  • दवाईयां जैसे सर्दी-खांसी की दवाई या स्टेरॉयड्स आदि।




अगर आपके बच्चों को भी ये सारी समस्याएं हैं तो देरी न करें। आपकी लापरवाही आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती है। सही समय पर अगर इन कारणों का इलाज करा लिया जाये तो बच्चों में उच्च रक्तचाप की समस्या को रोका जा सकता है। 




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