बढ़े हुए प्रोस्टेट को सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान समय में प्रोस्टेट का बढ़ना आम बात हो गयी है। बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण आमतौर पर अधिक उम्र के लोगों में देखे जाते हैं। चूंकि यह एक उम्र से संबंधित समस्या है, इसलिए ज्यादातर लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं। जिससे बाद में व्यक्ति को अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके लक्षणों के बारे में जानने से पहले ये जानेंगे कि आखिर प्रोस्टेट है क्या?
प्रोस्टेट पुरुषों में पेशाब की थैली के नीचे एक अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होता है। प्रोस्टेट का मुख्य कार्य एक द्रव बनाना है जो वीर्य में जाता है। यह प्रोस्टेट द्रव पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक होता है। जब कुछ कारणों की वजह से प्रोस्टेट का आकार धीरे-धीरे बढ़ जाता है तो इसे प्रोस्टेट का बढ़ना कहते है। बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण मुख्य रूप से वृद्ध पुरुषों में दिखते है। इसके अलावा और किन लोगों को यह समस्या होने की संभावना हो सकती है, आइए जानते हैं।
प्रोस्टेट बढ़ने का खतरा किनमें अधिक होता है?
निम्नलिखित कारकों वाले पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने की संभावना अधिक होती है:
- उम्र 40 वर्ष और उससे अधिक
- अगर किसी का पारिवारिक इतिहास हो
- चिकित्सीय स्थितियां जैसे मोटापा , हृदय और संचार संबंधी रोग, और टाइप 2 मधुमेह
- शारीरिक व्यायाम की कमी
- नपुंसकता
अगर हम बात करें आंकड़ों के हिसाब से तो 45 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में बढ़े हुए
प्रोस्टेट के लक्षण नहीं दिखते हैं। 45 वर्ष के बाद लगभग 80% लोगों में इसके लक्षण दिखना शुरू होते हैं। भारत में प्रोस्टेट के बढ़ने की समस्या 40 से 49 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 25% होती है, 50 से 69 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 37% होती है और 70 से 79 वर्ष के आयु वर्ग में लगभग 50% होती है।
कैसे पता चलेगा कि आपका प्रोस्टेट बढ़ गया है?
बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण की गंभीरता को उसके बढ़े हुए आकार से निर्धारित नहीं किया जा सकता है। ये जरूरी नहीं है कि अगर किसी पुरुष का प्रोस्टेट बहुत बढ़ा हो तो उसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़े। वहीं अगर किसी पुरुष का प्रोस्टेट कम बढ़ा हो तो उसे कम समस्या का सामना करना पड़े। इसलिए इसके मामूली से भी लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय सहायता जरूर लें। अब आइये जानते है कि इसके लक्षणों में क्या शामिल है-
रात में बार-बार पेशाब आना
पेशाब के लिए जोर लगाना
मूत्र असंयम
मूत्र का कमजोर प्रवाह होना
पेशाब करते वक़्त दर्द होना
पेशाब करने में कठिनाई होना
पेशाब से गंध आना
जब भी किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें तो उसे अनदेखा न करें। इसे नज़रअंदाज़ करने पर व्यक्ति को इन कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है-
पेशाब में खून आना
मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई)
गुर्दे का खराब होना
मूत्राशय की पथरी
लंबे समय तक पेशाब होना
Reference
Kishanrao, S., 2022. Prostate health in India (BPH & Prostate Cancer). Archives of Cancer Science and Therapy.
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