ये 5 आदतें अपनाएं और पीसीओडी (PCOD) से राहत पाएं!
पीसीओडी (PCOD) का मतलब है पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (Polycystic Ovary Disorders)। ये महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जो हार्मोनल असंतुलन के कारण पैदा होती है। इस बीमारी में महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी कि एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। पीसीओडी का असर महिलाओं की ओवरी पर पड़ता है। दरअसल, पीसीओडी में ओवरी इमेच्यौर एग्स का उत्पादन करती है जिसमें सिस्ट होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे महिलाओं की रिप्रोडक्टिव क्षमता भी प्रभावित होती है।
पीसीओडी के लक्षण
- अनियमित पीरियड्स
- चेहरे पर मुंहासे आना
- चेहरे पर बाल आना
- वजन बढ़ना
- पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
- बालों का पतला होना या झड़ना
- मूड स्विंग
- डिप्रेशन
- इंसुलिन रेजिस्टेंस
- कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
लक्षण के बाद बात अगर पीसीओडी के इलाज के बारे में की जाये तो सिर्फ दवाईयों से ये बीमारी खत्म नहीं हो सकती। इसका सबसे अच्छा इलाज माना जाता है वजन कम करना। आजकल जंक फूड, तेल, घी व मसालेदार खाने का सेवन, धूम्रपान और शराब, नींद की कमी, तनाव आदि कारणों से कई महिलाओं का वजन बढ़ रहा है। ऐसे में कुछ अच्छी आदतों को अपनाने से महिलाओं में पीसीओडी के खतरे को कम किया जा सकता है।
खाने का सही समय निर्धारित करें
हर वक्त कुछ न कुछ खाते रहना वजन घटने में बाधा बन सकता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें पता ही नहीं होता कि उन्हें कितना खाना है। ये आदत स्वास्थ्य को हानि पहुँचा सकती है। इसीलिए कभी भी कुछ भी न खाते रहें। जब भूख लगे तभी खाएं। अच्छा होगा अगर आप तीनों टाइम के लिए अपने खाने के समय को निर्धारित कर लें।
ज्यादा मात्रा में पानी पीएं
सही मात्रा में पानी का सेवन आपको सिर्फ पीसीओडी नहीं बल्कि और भी कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। इसीलिए रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीने की आदत डालें। इससे शरीर हाइड्रेटड रहेगा।
नियमित रूप से व्यायाम करें
पीसीओडी का एक और अच्छा इलाज है नियमित व्यायाम। खानपान में बदलाव के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करना भी शरीर के लिए फायदेमंद होता है। पीसीओडी से बचना है तो हर रोज 30 मिनट तक व्यायाम करना जरूरी है। महिलाएं चाहे तो योगा कर सकती हैं या फिर सैर पर भी जा सकती हैं। छोटी उम्र में अगर लड़कियां खेलकूद में भाग लेंगी तो उनका शरीर चुस्त और तंदरुस्त रहेगा और इससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा स्वीमिंग, साइकलिंग, ब्रिस्क वॉकिंग आदि भी शरीर के लिए बेहतर होता है।
धूम्रपान और शराब से रहें दूर
अगर आप पीसीओडी से पीड़ित हैं और उसके बाद भी धूम्रपान और शराब का सेवन कर रही हैं तो हो जाएं सावधान। ये नशीली चीजें आपकी बीमारी को और भी ज्यादा बढ़ा सकती हैं। आजकल कई लड़कियां धूम्रपान और शराब का सेवन करती हैं। धूम्रपान में निकोटिन समेत और भी कई केमिकल शामिल होते हैं। इन नशीली पदार्थों के सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ सकती है। अगर आपको इस बीमारी से बचना और अपने वजन को नियंत्रित रखना है तो इन चीजों से परहेज करें।
पीसीओडी के बढ़ते मामलों को रोकना है तो ऊपर बताये गये आदतों को अपनाना जरूरी है। वहीं जो महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हो चुकी हैं उन्हें भी इन आदतों को अपने जीवन में लागू करना चाहिये। इससे आपको कुछ ही दिनों में अपनी बीमारी में फर्क साफ-साफ नजर आने लगेगा।
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