Angioplasty vs Bypass: कौन सा विकल्प चुने, आइये जानते हैं?
वर्तमान में कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) और सभी स्ट्रोक के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। पहले शायद इन हालात में जान बचाना मुमकिन नहीं था, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान काफी मॉडर्न हो गया है। इसकी वजह से सीएचडी या स्ट्रोक का इलाज अब पहले से कहीं ज्यादा आसान बन गया है। अब न केवल किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, बल्कि उसके जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता है। आजकल सीएचडी या स्ट्रोक के इलाज में एंजियोप्लास्टी और बाईपास प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है। ये समझने से पहले कि कौन सा विकल्प बेहतर है आइये जानते है कि एंजियोप्लास्टी और बाईपास क्या है।
क्या है एंजियोप्लास्टी?
एंजियोप्लास्टी हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोलने का एक मिनिमली इनवेसिव तरीका है। लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग करके यह प्रक्रिया की जाती है।
क्या है बाईपास सर्जरी?
बाईपास सर्जरी तब की जाती है जब हार्ट तक खून और ऑक्सीजन के पहुंचने के रास्ते में ब्लॉकेज हो जाता है। इसके लिए शरीर के दूसरे भाग से ब्लड वेसल को निकालकर उसे हृदय की क्षतिग्रस्त धमनियों के ऊपर और नीचे जोड़ दिया जाता है।
एंजियोप्लास्टी या हार्ट बाईपास, कौन सा है बेहतर?
कौन सी प्रक्रिया रोगी के लिए सबसे उपयुक्त है यह डॉक्टर कुछ कारकों पर विचार करके निर्धारित करते है। इनमें से कुछ कारक हैं- कोरोनरी धमनी रोग की गंभीरता और लक्षण (जैसे सीने में दर्द और सांस की तकलीफ), हृदय की कार्यक्षमता और रोगी का स्वास्थ्य आदि।
एंजियोप्लास्टी का विकल्प अक्सर कम गंभीर कोरोनरी धमनी रोग वाले लोगों के लिए चुना जाता है। कभी-कभी, रोगी कम इनवेसिव एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया इसलिए चुनते है क्योंकि वे जल्दी ही अपने सामान्य दिनचर्या में लौटना चाहते है।
दूसरी ओर, बाईपास सर्जरी को आमतौर पर उन मामलों में बेहतर विकल्प माना जाता है जब रोगी की एक से अधिक दिल की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, या उनकी बाईं मुख्य कोरोनरी धमनी सिकुड़ जाती है। इसके जरिए हार्ट फेलियर वाले लोगों की जान बचाई जा सकती है। यदि आपको डायबिटीज है, तो बाईपास सर्जरी से बेहतर परिणाम मिलते है। हालांकि, बहुत बुजुर्ग या कमजोर मरीजों के लिए बाईपास सर्जरी सलाह नहीं दी जाती हैं क्योंकि यह प्रक्रिया उनके शरीर पर बहुत अधिक दबाव डाल सकती है।
वहीं, अगर सफलता दर की बात करें तो बाईपास सर्जरी की तुलना में एंजियोप्लास्टी अधिक सुरक्षित है। इस तकनीक की सफलता दर तकरीबन 99% है। सफलता दर के अनुसार यह प्रक्रिया किन लोगों में कितना प्रभावी होता है, आइये जानते हैं2-
सिंगल-वेसल रोग वाले मरीजों में 100 प्रतिशत तक
डबल-वेसल रोग वाले मरीजों में 96 प्रतिशत तक
ट्रिपल-वेसल रोग वाले मरीजों में 75 प्रतिशत तक
इनमें से कौन सा सबसे बेहतर है? इन दो विकल्पों के बीच चुनना आसान नहीं है। सीएचडी के इलाज में एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, कौन सा विकल्प चुनना है यह पूरी तरह से मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है।
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