क्या अनियमित रक्तस्त्राव महिलाओं में बढ़ाता है मानसिक तनाव?

 

मानसिक तनाव:DocTubeBlog


क्या आपने भी ये महसूस किया है कि आपका मासिक धर्म चक्र नियमित नहीं है?
क्या हर महीने कभी देर से तो कभी जल्दी होने वाले रक्तस्त्राव की समस्या से आपको गुजरना पड़ता है?
अगर आपका जवाब हाँ है तो ये समस्या गंभीर है। अनियमित रक्तस्त्राव एक ऐसी बीमारी है जो महिला को सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। इस समस्या से गुजर रहीं कई महिलाएं मानसिक तनाव से जूझती हुई नजर आती हैं। ये परेशानी क्यों हो रही है? कहीं मुझे कोई गंभीर बीमारी तो नहीं? ये समस्या ठीक होगी भी या नहीं व अन्य कई ऐसे सवाल हैं, जो महिलाओं को परेशान करने लगते हैं, जिसका प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।


जानें भारत में कितनी महिलाएं हैं माहवारी संबंधी परेशानी का शिकार?


सामान्यत: माहवारी का चक्र 28 दिनों का होता है लेकिन 24 से 35 दिनों के चक्र को भी सामान्य माना जाता है। जब यही चक्र अनियमित हो जाता है तो महिलाओं को समय से पहले या बाद में रक्तस्त्राव होने लगता है। एक सर्वे के अनुसार भारत में 19 साल से कम उम्र की तकरीबन 17.8% किशोरियां माहवारी संबंधी परेशानियों की शिकार हैं। वहीं 20-29 वर्ष की 23.34%, 30-44 वर्ष की 15.18%, 45-59 वर्ष की 9.38% एवं 60 व उससे अधिक वर्ष की 0.55% महिलाएं इस समस्या से पीड़ित पायी गयी हैं1

नजर आ सकते हैं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले ये लक्षण


अनियमित रक्तस्त्राव महिला के शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। इस अवस्था में महिलाओं के व्यवहार में परिवर्तन भी साफ-साफ देखा जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी नजर आते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी की तरफ इशारा करते हैं।


एंग्जायटी (घबराहट): कई बार अनियमिच रक्तस्त्राव से पीड़ित महिलाओं को एंग्जायटी का सामना करना भी पड़ सकता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण ऐसा होता है। 


मिजाज में बदलाव (मूड स्विंग): जब अनियमित रक्तस्त्राव होता है तो न चाहते हुए भी कई महिलाओं व युवतियों के मिजाज में परिवर्तन होने लगता है। कभी वे खुश रहती हैं तो कभी उदास हो जाती हैं। रक्तस्त्राव खत्म होने के बाद ये समस्या भी अपने आप खत्म हो जाती है।


चिंता: अगर रक्तस्त्राव समय पर न हो या जरूरत से ज्यादा हो तो इससे पीड़ित महिलाएं चिंता में घिरी नजर आती हैं। उन्हे ये समझ नहीं आता कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। हार्मोनल असंतुलन के कारण उन्हें चिंताएं सताने लगती हैं।


चिड़ाचिड़ापन: ऐसी अवस्था में कई महिलाओं में चिड़चिड़ापन देखा जाता है। वे किसी से ज्यादा बात करना नहीं चाहतीं या फिर अचानक से गुस्सा करने लगती हैं।


ईटिंग डिसऑर्डर: अनियमित रक्तस्त्राव में कई महिलाओं में ईटिंग डिसऑर्डर भी देखा जाता है। कुछ महिलाएं ज्यादा खाती हैं तो कुछ बिल्कुल भी खाना पसंद नहीं करतीं। 


इन लक्षणों का इलाज अगर सही समय पर नहीं किया गया तो महिला असवाद से पीड़ित हो सकती है। इसीलिए अनियमित रक्तस्त्राव की समस्या को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। तुरंत अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर इलाज शुरु कराएं।



Reference


  1. Kanwal, S. (2022) India: Menstrual problems among women by age group 2020, Statista. Source: (Accessed: April 4, 2023). 



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