आई फ्लोटर्स से हो चुके हैं परेशान! जानें इससे राहत पाने के कुछ आसान तरीके
अक्सर कुछ लोग आँखों के सामने तैरती हुई सी लकीरें नजर आने की शिकायत करते हैं। कई बार तो आंखों के सामने दिखाई देने वाले काले व भूरे रंग के धब्बे इरिटेशन का कारण बन जाते हैं। ऐसी स्थिति लोगों में घबराहट पैदा करती है। अगर आप भी इस तरह की परेशानी का एहसास बार-बार कर रहे हैं तो घबराएं नहीं क्योंकि ये तैरती हुई लकीरें फ्लोटर्स कहलाती हैं। आई फ्लोटर्स एक आम समस्या है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाये। इसीलिए इस बीमारी के बारे में पता होना जरूरी है क्योंकि उम्र के साथ-साथ ये समस्या किसी में भी विकसित हो सकती है।
किन कारणों से होती है ये परेशानी?
दरअसल, फ्लोटर्स छोटे व गहरे रंग की लकीरें या धब्बे होते हैं जो आँखों के सामने व्यक्ति को बार-बार दिखाई देते हैं। आई फ्लोटर्स उम्र से संबंधित परेशानी है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ आँखों के पीछे मौजूद विट्रस जैल लिक्विड फॉर्म में फैलने लगते हैं। ऐसी स्थिति में कोलेजन फाइबर के गुच्छे विट्रस में बनने लगते हैं जिसकी छाया रेटिना पर पड़ती है। यही छाया आई फ्लोटर्स कहलाती है। सफेद कागज पर कुछ लिखने या पढ़ने से या फिर नीले आसमान की तरफ देखने से ये समस्या ज्यादा नजर आती है। उम्र बढ़ने के अलावा कुछ कारण ऐसे भी हैं जो फ्लोटर्स को बढ़ावा देते हैं, जैसे -
आँखों में संक्रमण होना
आँख में चोट लगना
आँखों में सूजन या जलन होना
आँखों से खून निकलना
रेटिनल डिटैचमेंट
इन सबके अलावा मधुमेह यानी कि डायबिटीज के कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी एवं डायबिटिक मैक्यूलर एडिमा जैसी आँखों की बीमारियां होती हैं। इससे भी आई फ्लोटर्स की समस्या हो सकती है।
आई फ्लोटर्स को कम करना है तो अपनाएं ये उपाय
सबसे पहले तो आँखों को आराम देना सीखें। अगर आप लंबे समय से मोबाइल या लैपटॉप में लगे हुए हैं तो बीच में थोड़ी देर के लिए अपनी आँखों को बंद कर लें, इससे आँखों को आराम मिलेगा।
पर्याप्त नींद लें। अच्छी नींद आँखें और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। इससे आई फ्लोटर्स को कम करने में सहायता मिलेगी।
आँखों का व्यायाम करें। बीच-बीच में आँखों को क्लॉकवाइज या फिर एंटी क्लॉकवाइज मुद्रा में घुमाएं। दिन भर में 10 बार ऐसा करने से आँखों को बहुत आराम मिलेगा।
गर्म पानी से आँखों की सिकाई करें। इससे आँखों की मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और तनाव भी दूर होगा।
टीवी और मोबाइल का कम इस्तेमाल करें। इससे आँखों की रौशनी ठीक रहेगी और फ्लोटर्स की समस्या से राहत मिलेगी।
अपने खानपान का ध्यान रखें। फल और हरी सब्जियों को अपने दिनचर्या में शामिल करें। खट्टे फल जैसे संतरा, कीवी आदि खाएं। इससे आँखों के स्वास्थ्य में सुधार आता है और आई फ्लोटर्स जैसी परेशानियां कम हो सकती हैं।
यूं तो आई फ्लोटर्स एक आम समस्या है लेकिन कई बार इन फ्लोटर्स की संख्या बढ़ जाती है। इसके अलावा मरीज को एकदम बिजली जैसी चमक या आँखों के सामने काले पर्दे जैसा नजर आ सकता है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें और आवश्यक जाँच कराएं।
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