9 प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan), जिसे हर महिला को जानना चाहिये!
प्रेगनेंसी, ये एक ऐसी स्पेशल फीलिंग हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जो महिलाएं इस दौर से गुजर चुकी हैं या गुजर रही हैं, सिर्फ वे ही इस फीलिंग को समझ सकती हैं। वैसे, क्या आप इस स्पेशल फीलिंग के इशारे को जानती हैं? कहने का मतलब ये है कि जब कोई महिला प्रेगनेंट होती है, तो उसमें प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) नजर आते हैं। ये लक्षण ही महिला को ये बताते हैं कि अब उनके जीवन में नयी खुशियां आने वाली हैं। अगर आप इन लक्षणों को नहीं जानतीं हैं, तो कोई बात नहीं। आज हम प्रेगनेंसी के लक्षणों को विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।
सबसे पहले जानें प्रेगनेंसी के लक्षण के बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
9 लक्षण जो हो सकते हैं प्रेगनेंसी का संकेत (Pregnancy ke Lakshan)!
- पीरियड का मिस होना - माहवारी का न आना प्रेगनेंसी (Pregnancy ke Lakshan) का पहला संकेत होता है। अगर किसी महिला का 2 या उससे ज्यादा पीरियड मिस हो जाये, तो उसके प्रेगनेंट होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, हर बार पीरियड मिस होने का मतलब प्रेगनेंसी ही हो, ये जरूरी नहीं है। कई बार कुछ अन्य कारणों, जैसे - गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, डायबिटीज, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या किसी अन्य दवाईयों के सेवन से भी महिलाओं का पीरियड मिस हो सकता है। इसीलिए, अगर किसी महिला को माहवारी न आये, तो उसे तुरंत अपनी जाँच करानी चाहिये, ताकि इस समस्या के सही कारण का पता चल सके। (Ref)
- हल्की ब्लीडिंग होना - कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग होना भी प्रेगनेंसी का लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) हो सकता है। एक सर्वे के अनुसार तकरीबन 25% महिलाओं में ब्लीिंडग या स्पोटिंग जैसे प्रेगनेंसी के लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान निकलने वाले खून का रंग सामान्य मेन्सट्रुअल ब्लड से थोड़ा हल्का होता है। ज्यादातर महिलाओं में कंसीव करने के 6 से 12 दिनों के अंदर ये लक्षण नजर आते हैं।
- उल्टी या जी मिलचाना - ये दोनों ही प्रेगनेंसी के सबसे कॉमन लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) हैं। इसे मॉर्निंग सिकनेस के नाम से भी जाना जाता है। आधी से ज्यादा महिलाएं प्रेगनेंसी में इन दोनों लक्षणों का अनुभव करती हैं। कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें सिर्फ सुबह-सुबह नहीं बल्कि पूरे दिन उल्टी एवं जी मिचलाने का एहसास होते रहता है। सामान्यत: कंसीव करने के 4 से 6 हफ्तों में ये लक्षण नजर आते हैं, जो 12वें हफ्ते तक समाप्त हो जाते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं में 32वें हफ्ते में फिर से मार्निंग सिकनेस की समस्या शुरू हो जाती है।
- स्तन या निप्पल में सूजन होना - कंसीव करने के 1 से 2 हफ्ते बाद महिलाओं में ये लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) नजर आ सकते हैं। चूंकि, प्रेगनेंसी में महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, इसीलिए उन्हें स्तन में दर्द या झुनझुनाहट का एहसास हो सकता है। (Ref)
- थकावट - हर वक्त थकावट का लगना भी प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) में शामिल है। सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि होने के कारण यह लक्षण नजर आता है। प्रेगनेंसी को मेंटेन रखने और बच्चे के विकास के लिए प्रोजेस्टेरोन हार्मोन जरूरी होता है। अगर महिला को ज्यादा थकावट का एहसास हो, तो शुरुआती दौर में उसे बहुत ज्यादा आराम करना चाहिये। प्रेगनेंसी के चौथे महीने में जब प्लेसेंटा अच्छे से तैयार हो जाता है, तब महिला को थकावट लगना कम हो जाता है। कई बार आयरन की कमी से एनीमिया होने के कारण भी महिलाएं प्रेगनेंसी में थकावट महसूस करती हैं। ऐसे में ज्यादा मात्रा में आयरन युक्त पदार्थों का सेवन करना महिला और उसके बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। (Ref)
- सिर दर्द - हार्मोन के स्तर में वृद्धि होने के कारण प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में महिला को सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। (Ref)
- कुछ खाने की इच्छा करना - अचानक से कुछ खाने की इच्छा होना या किसी खाने को नापसंद करना भी प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) हो सकते हैं। ज्यादातर महिलाओं में पूरी प्रेगनेंसी के दौरान ये दोनों लक्षण नजर आते हैं। (Ref)
- बार-बार पेशाब आना - प्रेगनेंसी में महिला को बार-बार पेशाब जाने का एहसास हो सकता है। दरअसल, इस दौरान शरीर में फ्लुइड की मात्रा बढ़ जाती है और किडनी भी अच्छे से काम करता है। इसके अलावा गर्भाशय में सूजन होने के कारण इसका दबाव ब्लैडर पर पड़ता है। इन कारणों से प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बार-बार पेशाब करने के लिए शौचायल जाना पड़ता है।
- मूड स्विंग - प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव होने के कारण महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या देखी जाती है। कंसीव करने के कुछ दिनों बाद ही महिला में यह लक्षण नजर आने लगता है। (Ref)
- कमर में दर्द
- सांस फूलना
- कब्ज
- अपच
- पैरों में ऐंठन
- वेजाइनल डिस्चार्ज
क्या प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होती है?
एक सर्वे के अनुसार तकरीबन 25% महिलाओं में प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग या स्पोटिंग जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान निकलने वाले खून का रंग सामान्य मेन्सट्रुअल ब्लड से थोड़ा हल्का होता है। ज्यादातर महिलाओं में कंसीव करने के 6 से 12 दिनों के अंदर यह लक्षण नजर आता है।
क्या पीरियड के मिस होने का मतलब सिर्फ प्रेगनेंसी है?
अगर किसी महिला का पीरियड मिस हो, तो उसके प्रेगनेंट होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है लेकिन कई बार प्रेगनेंसी के अलावा अन्य कारणों से भी महिला को ये समस्या हो सकती है। इन कारणों में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, डायबिटीज, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या किसी अन्य दवाईयों का सेवन आदि शामिल हैं।
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