वो कहते हैं ना कि माँ का दूध बच्चे के लिए वरदान होता है। बच्चे के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए उसे माँ का दूध दिया जाना आवश्यक है। अगर जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) कराया जाये, तो इससे उसके स्वस्थ जीवन की शुरुआत होती है। शायद इसीलिए माँ के दूध को अमृत का दर्जा दिया गया है क्योंकि इसमें वो सारे गुण मौजूद होते हैं, जो बच्चे को बीमारियों से बचाने की ताकत रखते हैं। यूनिसेफ का कहना है कि जन्म के पहले घंटे में ही बच्चे को माँ का दूध दिया जाना चाहिये। 6 महीने तक बच्चा सिर्फ माँ के दूध पर निर्भर रहे तो अच्छा है। वहीं 2 साल की उम्र तक अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिये। अगर स्तनपान की दर में सुधार हो जाये, तो दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के 8 लाख से भी ज्यादा बच्चों की जान बचायी जा सकती है। (Ref)
स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है?
डिलीवरी के बाद माँ के स्तन में जो पहला दूध आता है, उसे कोलेस्ट्रॉम कहते हैं। इसका रंग पीला या थोड़ा आरेंज जैसा होता है क्योंकि इसमें बीटा-कैरोटिन उच्च मात्रा में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉम में पोषक तत्वों की भरमार होती है, जो बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसीलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे का स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) करना बहुत जरूरी होता है। इससे बच्चे को निम्नलिखित बीमारियों से बचाया जा सकता है -
1. स्तनपान कराने से बच्चों में कई प्रकार के संक्रमणों जैसे निमोनिया, मेनिनजाइटिस आदि का खतरा काफी कम हो जाता है।
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2. अगर शुरुआत के 4 महीने तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराया जाये, तो इससे पहले वर्ष में होने वाले कान के संक्रमण से बच्चे को बचाया जा सकता है।
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3. माँ के दूध के सेवन से बच्चे में डायरिया का खतरा टल जाता है।
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4. जन्म के बाद 2 महीने तक स्तनपान कराने से बच्चे में न सिर्फ टाइप 1 डायबिटीज बल्कि बड़े होने के बाद टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
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5. आजकल बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या बन चुका है। कुछ शोधों की मानें तो स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) करने वाले बच्चों का वजन नियंत्रण में रहता है और वे जल्दी मोटापे का शिकार नहीं होते।
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6. माँ के दूध में वसा, शुगर, पानी, प्रोटीन सभी चीजें सही मात्रा में मौजूद होती हैं, जो बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है।
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7. फॉर्मूला मिल्क की तुलना में माँ के दूध को पचाना बच्चे के लिए ज्यादा आसान होता है। इससे नवजात शिशु को गैस की समस्या भी नहीं होती है।
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8. माँ के दूध में एंटीबॉडीज मौजूद होते हैं, जो नवजात को कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से बचाने में मदद करते हैं। इससे बच्चे में श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा काफी कम हो जाता है।
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9. स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) करने वाले शिशुओं को सडेन इन्फेन्ट डेथ सिंड्रोम से बचाने में मदद मिलती है।
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10. माँ के दूध में इतनी ताकत होती है कि बच्चे को ल्यूकेमिया जैसी जानलेवा बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। इसके अलावा उच्च कोलेस्ट्रॉल एवं अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारियां भी बच्चे से दूर रहती हैं।
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जानें क्या है स्तनपान को लेकर विशेषज्ञ का राय?
स्तनपान
(Breastfeeding Meaning in Hindi) के फायदों के बारे में बाल रोग विशेषज्ञ,
डॉ. सोनाली मुत्था बताती हैं कि माँ का दूध बच्चे के लिए संतुलित आहार होता है। माँ के स्तनपान कराने से शिशु को आवश्यक पोषण मिलता है, जिससे उसके बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। माँ के दूध से शिशु को बाहरी संक्रमणों जैसे - निमोनिया या पेट के इंफेक्शन से बचाने में मदद मिलती है। साथ ही भविष्य में बच्चे में डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी काफी कम हो जाता है। बच्चे के अलावा माँ के लिए भी स्तनपान करवाना बेहद फायदेमंद होता है। इससे महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को टाला जा सकता है।
स्तनपान से माँ को इन 4 बीमारियों से बचाने में मिलती है मदद
स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि माँ के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है। जो माँ बच्चे को अपना दूध पिलाती है, उनमें निम्नलिखित 4 बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है -
1. उच्च रक्तचाप
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में भविष्य में उच्च रक्तचाप का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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2. डायबिटीज
कम से कम 6 महीने तक माँ को अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिये। ऐसा करने से बच्चे को तो फायदा मिलता ही है, साथ ही साथ मां में भी टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम हो जाता है।
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3. ओवेरियन कैंसर
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा भी टल जाता है।
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4. ब्रेस्ट कैंसर
स्तनपान, महिला में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में सहायता करता है। यूनिसेफ के अनुसार अगर ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान करवाती हैं, तो स्तन कैंसर से होने वाली मौत से तकरीबन 20 हजार महिलाओं को बचाया जा सकता है।
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इन बीमारियों से बचाव के साथ-साथ स्तनपान माँ को और भी कई सारे लाभ पहुँचाता है, जैसे -
1. स्तनपान (Breastfeeding Meaning in Hindi) से शरीर में अतिरिक्त कैलोरी की मात्रा कम हो जाती है। जिसके कारण डिलीवरी के बाद महिला के लिए वजन कम करना आसान होता है।
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2. इससे महिलाओं को डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग की समस्या से भी राहत मिलती है और गर्भाशय जल्दी ही अपने पुराने आकार में वापस लौट आता है।
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3. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रात में नींद अच्छी आती है।
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4. अगर माँ बच्चे को अपना दूध पिलाती है, तो उसके शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर घट जाता है। इससे महिला का मूड अच्छा रहता है और उसमें डिप्रेशन की आशंका काफी कम हो जाती है।
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5. स्तनपान कराने से माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक रिश्ता बनता है, जो बहुत ज्यादा मजबूत हो जाता है।
स्तनपान (
Breastfeeding Meaning in Hindi) एक नैचुरल प्रक्रिया है, जो माँ और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। माँ के दूध से ही बच्चे को ताकत मिलती है और उसका विकास अच्छे से हो पाता है।
बच्चे को स्तनपान कब तक कराना चाहिये?
जन्म से लेकर 6 महीने तक नवजात शिशु को सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध देना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है। कम से कम 2 साल की उम्र तक बच्चे को स्तनपान कराना ही चाहिये।
स्तनपान महिलाओं में किन बीमारियों के खतरे कम करता है?
जो महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं, उनमें उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, ओवरियन, गर्भाशय एवं स्तन कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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