7 रिस्क फैक्टर्स जो बढ़ाते हैं क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) का खतरा!

 

Disease Meaning in Hindi:DocTubeBlog
किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। अगर किडनी को थोड़ा सा भी नुकसान पहुँचे, तो इससे शरीर की पूरी कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। इसीलिए किडनी का ख्याल रखना आवश्यक है वरना व्यक्ति का शरीर बीमारियों (Disease Meaning in Hindi) का घर बन सकता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। 

सबसे पहले जानें शरीर में किडनी क्या कार्य करती है?

व्यक्ति के शरीर में 2 किडनी (गुर्दा) मौजूद होती हैं, जो पेट के दोनों ओर रिब केज के निचले स्तर पर स्थित होती है। शरीर की कार्यप्रणाली सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए व्यक्ति की कम से कम 1 किडनी का सही तरीके से कार्य करना आवश्यक है। एक नजर डालें किडनी के कार्यों पर - (Ref)

  • खून से सभी अपशिष्ट उत्पादों को निकालकर उसे साफ करना।
  • शरीर में बने अतिरिक्त तरल पदार्थ एवं अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के द्वारा बाहर निकालना।
  • शरीर में फ्लुइड के संतुलन को बनाये रखना।
  • शरीर में हार्मोन का निर्माण करना ताकि व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहे और शरीर विटामिन डी को अच्छे से अवशोषित कर सके। 

क्या होती है क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi)?

हर 30 मिनट में किडनी पूरे शरीर के खून को फिल्टर करने का कार्य करती है। अगर किडनी डैमेज हो जाये, तो शरीर में खून के फिल्टर की प्रक्रिया बाधित होने लगती है। इसके कारण अतिरिक्त फ्लुइड और अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इस अवस्था को ही क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) कहते हैं। 

क्रोनिक किडनी डिजीज के 7 रिस्क फैक्टर्स!

किसी भी व्यक्ति को एक ही रात में ये बीमारी नहीं होती है। कई ऐसे रिस्क फैक्टर्स हैं, जिनके कारण धीरे-धीरे व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिजीज की चपेट में आ जाता है। इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है, जो कि इस प्रकार से हैं - 

  1. डायबिटीज - किडनी संबंधी रोगों का सबसे मुख्य कारण डायबिटीज है। इस बीमारी में रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे किडनी की फिल्टर इकाई (ग्लोमेरुली) को नुकसान पहुँचता है। ऐसी अवस्था में किडनी खून को अच्छे से फिल्टर नहीं कर पाती और व्यक्ति का शरीर बीमार होने लगता है। अगर व्यक्ति अपने डायबिटीज को कंट्रोल कर ले, तो उसमें क्रोनिक किडनी डिजीज  (Disease Meaning in Hindi) का खतरा कम हो सकता है। 
  2. उच्च रक्तचाप - उच्च रक्तचाप को क्रोनिक किडनी डिजीज का दूसरा मुख्य कारण माना जाता है। इसके कारण किडनी पर दबाव पड़ता है और उसकी फिल्टर क्षमता प्रभावित होती है। जिन लोगों को हाइपरटेंशन है, उनके पेशाब में प्रोटीन आ सकता है, जो किडनी के डैमेज होने का संकेत देता है।
  3. हृदय रोग - जो लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं, इसका असर उनके किडनी पर भी पड़ता है। ऐसी अवस्था में किडनी अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती और व्यक्ति में क्रोनिक किडनी डिजीज  (Disease Meaning in Hindi) का खतरा बढ़ जाता है।
  4. दवाईयां - बुखार या दर्द के लिए ली जाने वाली कुछ दवाईयां भी किडनी को नुकसान पहुँचाती हैं। इसके अलावा स्कैनिंग या एक्स-रे के दौरान भी कुछ दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका असर किडनी पर पड़ सकता है।
  5. गंभीर संक्रमण - अगर व्यक्ति एचआईवी, हेपेटाइटिस सी या अन्य किसी वायरल व बैक्टीरियल संक्रमण से पीड़ित हो, तो वो क्रोनिक किडनी डिजीज  (Disease Meaning in Hindi) का शिकार हो सकता है।
  6. अनुवांशिक -  अगर किसी व्यक्ति के परिवार में क्रोनिक किडनी डिजीज का इतिहास रहा है, तो उसमें भी किडनी रोग की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतते हुए नियमित रूप से अपनी जाँच कराते रहना चाहिये। 
  7. मोटापा - बढ़ता वजन व्यक्ति में कई बीमारियों का कारण बनता है। मोटापे के कारण डायबिटीज एवं उच्च रक्तचाप जैसे रोगों की संभावना भी बढ़ जाती है। मोटापे का प्रभाव किडनी पर भी पड़ सकता है और व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिजीज की चपेट में आ सकता है।  

क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) से बचने के आसान उपाय

क्रोनिक किडनी डिजीज से व्यक्ति अपने आपको बिल्कुल बचा सकता है। बस इसके लिए नीचे बताये गये कुछ सरल उपायों को फॉलो करना जरूरी है -

  • डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल - जिन लोगों को डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की शिकायत है, उनके लिए इन बीमारियों को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर ये दोनों बीमारियां नियंत्रण में रहेंगी तो व्यक्ति में किडनी रोग का खतरा कम हो जायेगा। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति नियमित रूप से अपनी डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की दवाईयां लेते रहे और डॉक्टर के निर्देश के अनुसार कार्य करे।
  • हेल्दी डाइट -  कम वसा और नमक का सेवन व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इससे क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) के जोखिम को कम किया जा सकता है।
  • नियमित एक्सरसाइज - हर रोज कम से कम 30 मिनट और सप्ताह में 5 दिन एक्सरसाइज करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है। तभी व्यक्ति सेहतमंद और तंदरुस्त रहेगा और किडनी संबंधी बीमारियों से खुद को बचा सकेगा। 
  • तंबाकू और धूम्रपान से रहें दूर - क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) से बचना है, तो व्यक्ति का तंबाकू और धूम्रपान से दूर रहना जरूरी है।
  • शराब के सेवन से बचें - ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन किडनी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसीलिए शराब के सेवन से परहेज करना आवश्यक है।
  • दवाईयां लेते वक्त बरतें सावधानी - दर्द के लिए ओवर द काउंटर दवाईयां लेते समय विशेष सावधानी बरतें। इस बारे में अपने फार्मासिस्ट से पहले ही जान लें कि कौन सी दवाईयां किडनी के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं और उन दवाईयों का सेवन बिल्कुल भी न करें।
क्रोनिक किडनी डिजीज (Disease Meaning in Hindi) से बचाव बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। अगर उपर बताये गये रिस्क फैक्टर्स और बचाव के उपायों को व्यक्ति समझ ले, तो किडनी की बीमारियों से दूर रहना उसके लिए आसान होगा।

किडनी का महत्वपूर्ण कार्य क्या है?

किडनी खून को फिल्टर करने और अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है। इसके अलावा शरीर में फ्लुइड के स्तर को संतुलित रखना एवं ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने के लिए आवश्यक हार्मोन का निर्माण करने का कार्य भी किडनी करती है।

क्या डायबिटीज और उच्च रक्तचाप से क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है?

हाँ, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी डिजीज के 2 मुख्य रिस्क फैक्टर्स हैं। इन दोनों ही बीमारियों के कारण किडनी की फिल्टर क्षमता प्रभावित होती है और व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

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