Lungs Meaning in Hindi - धूम्रपान कर सकता है आपके फेफड़े को बीमार!
अगर आप स्मोकिंग करते हैं या धूल और प्रदूषण में ज्यादा रहते हैं, तो इसका मतलब आप अपने फेफड़ों (Lungs Meaning in Hindi) को बीमार बना रहे हैं। इस बात का एहसास शायद आपको अभी न हो लेकिन जब बाद में आपके फेफड़े अच्छे से काम नहीं कर पायेंगे, तब आपको अपनी गलती समझ में आयेगी। जीने के लिए जरूरी है सांस लेना और सांस लेने के लिए जरूरी है स्वस्थ फेफड़े। अगर आप ही अपने फेफड़ों का ख्याल नहीं रखेंगे तो और कौन रखेगा। फेफड़े शरीर का एक आवश्यक श्वसन अंग हैं। ऐसे में अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है या आपकी सांस फूलने लगी है तो इसका मतलब आपके फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं।
शरीर में कैसे काम करते हैं फेफड़े (Lungs Meaning in Hindi)?
धूम्रपान फेफड़ों को करता है सबसे ज्यादा प्रभावित!
धूम्रपान से हो सकती हैं फेफड़े की ये 4 बीमारियां!
- अस्थमा - बच्चे हों या बड़े, आजकल हर किसी को अस्थमा अपनी चपेट में ले रहा है। इस बीमारी में कई कारणों से एयरवेज सिकुड़ जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे में खांसी, सांस लेते वक्त घरघराहट की आवाज आना, सांस फूलना आदि लक्षण व्यक्ति में नजर आने लगते हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत में 34.3 मिलियन लोग अस्थमा की चपेट में हैं।
- ट्यूबरक्लोसिस - ट्यूबरक्लोसिस यानी कि टीबी लोगों में पाये जाने वाला कॉमन बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव फेफड़ों (Lungs Meaning in Hindi) पर पड़ता है। ये बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है। कहने का मतलब ये है कि जब टीबी का मरीज छींकता या खांसता है तो उसके ड्रॉपलेट्स हवा में रहते हैं। जब कोई दूसरा व्यक्ति उसी हवा को इनहेल करता है तो वो भी टीबी की चपेट में आ जाता है। आंकड़ों के अनुसार भारत में तकरीबन 40% से ज्यादा लोग टीबी इंफेक्शन के साथ रहते हैं लेकिन इनमें से 10% लोगों में ही टीबी रोग होता है।
- सीओपीडी - धूम्रपान व्यक्ति के फेफड़ों को इस हद तक क्षति पहुँचाता है कि व्यक्ति सीओपीडी की चपेट में आ सकता है। इस बीमारी में भी फेफड़े के वायु मार्ग सिकुड़ जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और वो ठीक से सांस नहीं ले पाता। ऐसी अवस्था में खांसी, सांस फूलना, सीने में भारीपन या दर्द होना जैसे लक्षण व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं।
- फेफड़ों का कैंसर - धूम्रपान को फेफड़ों के कैंसर का सबसे मुख्य कारण माना जाता है। कई सर्वे में भी इस बात की पुष्टी की गयी है। चाहे महिला हो या पुरुष हर किसी को ये बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है। आंकड़ों की मानें तो फेफड़ों का कैंसर भारत में पाया जाने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है। वहीं सभी कैंसर के मामलों में 5.9% मामले लंग कैंसर के हैं। (Ref)
फेफड़े (Lungs Meaning in Hindi) को रखना है सुरक्षित तो अपनाएं ये 4 आसान तरीके
- धूम्रपान को छोड़ें - फेफड़ों का सबसे बड़ा दुश्मन है धूम्रपान। फेफड़े से संबंधित सभी बीमारियों की जड़ धूम्रपान को ही माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार सीओपीडी से होने वाली मौतों में 80% मौत का कारण धूम्रपान है। वहीं फेफड़ों के कैंसर में 90% मौत के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। इसीलिए अगर आपको अपने फेफड़ों की चिंता है तो आज से ही धूम्रपान को ना कहना सीखें।
- सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें - अगर आप धूम्रपान नहीं करते तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपके शरीर में इसके केमिकल प्रवेश नहीं करेंगे। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के पास खड़े हैं जो धूम्रपान कर रहा है तो जाहिर सी बात है कि उसका धुआं आपके शरीर में भी प्रवेश करेगा। इसीलिए फेफड़े (Lungs Meaning in Hindi) को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो -
- प्रदूषण से बचें और हैंड हाइजीन का ध्यान रखें - धूल, मिट्टी और प्रदूषण भी फेफड़ों को बीमार बनाने के लिए काफी हैं। इसीलिए ये जरूरी है कि जिन जगहों पर ज्यादा प्रदूषण है, वहाँ व्यक्ति न जाये। अगर ऐसी जगहों पर जाना भी पड़े तो मास्क का इस्तेमाल करें। बार-बार अपने हाथों को धोते रहें ताकि गंदगी शरीर के अंदर ना जा सके। इसके साथ ही बच्चों के हाथों को भी बार-बार धुलवाते रहें। हो सके तो सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- संतुलित आहार लें - ज्यादा वजन फेफड़ों (Lungs Meaning in Hindi) की कार्यक्षमता में बाधा बन सकता है। इसका एक ही उपाय है और वो है संतुलित आहार। इससे ना सिर्फ व्यक्ति का वजन नियंत्रित रहेगा बल्कि उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी। इसके लिए प्रोटीन, मिनरल्स एवं विटामिन युक्त चीजों को डाइट में शामिल करना आवश्यक है। होलग्रेन्स फूड्स, हरी सब्जियां एवं डेयरी प्रोडक्ट्स भी स्वस्थ फेफड़ों की जरूरत है।
धूम्रपान करने से फेफड़ों में कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है?
धूम्रपान फेफड़ों के लिए हानिकारक है। धूम्रपान के लगातार सेवन से अस्थमा, ट्यूबरक्लोसिस, सीओपीडी व फेफड़ों का कैंसर जैसी घातक बीमारियां व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती हैं।
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