Swasth in Hindi : स्वस्थ और सेहतमंद रहना है तो अपनाएं ये डाइट टिप्स!

 

swasth in hind:DocTubeBlog

आज के बढ़ते प्रदूषण, तनाव और बीमारियों के बीच खुद को स्वस्थ (Swasth in Hindi) रखना व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है। व्यस्त जीवन, भागदौड़, काम का दबाव, परिवार की चिंता और न जाने किन-किन बातों को लेकर व्यक्ति परेशान रहता है। इन सब बातों का सीधा असर पड़ता है व्यक्ति के स्वास्थ्य पर। इसके साथ ही बाहर का खानपान, जंक फूड का सेवन, समय पर खाना न खाना जैसी बातें भी व्यक्ति को बीमार बना रही हैं। वैसे व्यक्ति चाहे तो वो स्वयं को बीमारियों से बचा सकता है। इसका फॉर्मूला बहुत आसान है, जिसका नाम है - संतुलित डाइट प्लान। जी हाँ, खानपान का ध्यान रखकर एक व्यक्ति खुद को स्वस्थ (Swasth in Hindi) और सेहतमंद बना सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अगर व्यक्ति हेल्दी डाइट प्लान फॉलो करे, तो वो खुद को कुपोषण, डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक एवं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचा सकता है। (Ref)


स्वस्थ (Swasth in Hindi) रहने के लिए डाइट से संबंधित आवश्यक सुझाव

डाइट प्लान को समझना कोई कठिन काम नहीं है। बस कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति आसानी से अपना डाइट प्लान तैयार कर सकता है। आज हम कुछ ऐसे ही सुझावों पर चर्चा करेंगे, जिसकी मदद से व्यक्ति अपने खानपान को लेकर आवश्यक निर्णय ले सकता है। आईये जानते हैं क्या हैं वो सुझाव -

1.खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं 

व्यक्ति जो भोजन लेता है, उसके सिर्फ एक तिहाई हिस्से में ही स्टार्च युक्त कार्बोहाइड्रेट मौजूद होना चाहिये। इनमें आलू, ब्रेड, चावल, पास्ता आदि चीजों को शामिल किया जा सकता है। ये जरूरी है कि व्यक्ति की थाली में हाई फाइबर फूड ज्यादा मात्रा में मौजूद हों। इनमें होलव्हीट पास्ता, ब्राउन राइस और छिलके के साथ टमाटर लेना फायदेमंद होता है। इसके अलावा खाने में 1 स्टार्च युक्त फूड का शामिल होना, व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। (Ref)

2. कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन ज्यादा मात्रा में करें

शरीर को स्वस्थ (Swasth in Hindi) रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त मात्रा में मौजूद होना जरूरी है। विशेष तौर पर हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ये दोनों ही पोषक तत्व आवश्यक हैं। शरीर को विटामिन डी सूर्य की किरणों से ही प्राप्त हो जाता है। हालांकि, ज्यादा देर तक धूप में रहना स्कीन कैंसर का कारण बन सकता है। वैसे कुछ फूड्स भी हैं, जिनकी मदद से व्यक्ति अपने शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकता है, जैसे - (Ref)

  • खाने के साथ डेयरी पेय पदार्थ लें।
  • अपने दोपहर के खाने में हफ्ते में एक बार सैल्मन या सार्डिन को जरूर शामिल करें। एक बात का ध्यान रखें कि हड्डियों वाले सैल्मन और सार्डिन में बिना हड्डियों वाले सैल्मन और सार्डिन की तुलना में अधिक कैल्शियम होता है।
  • सब्जियों में पालक, कोलार्ड ग्रीन्स, मशरूम आदि का सेवन जरूर करें।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों की तलाश करें जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर हों। सोया पेय पदार्थ, सोया दही, संतरे का रस और कुछ साबुत अनाज में ये अतिरिक्त पोषक तत्व मौजूद हो सकते हैं। बस ये जरूर देख लें कि इन खाने की चीजों में अतिरिक्त शुगर शामिल न हों।

3. खाने में सैचुरेटेड फैट कम करें और अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ाएं


खाने में फैट का होना जरूरी है लेकिन फैट का प्रकार क्या है, इसका पता होना सबसे ज्यादा आवश्यक है। फैट 2 प्रकार के होते हैं - सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट। ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन स्वास्थ्य (Swasth in Hindi) के लिए हानिकारक होता है। इससे रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग होने का खतरा बना रहता है। इसीलिए पुरुषों को एक दिन में 30 ग्राम और महिलाओं को 20 ग्राम से ज्यादा सैचुरेटेड फैट का सेवन नहीं करना चाहिये। वहीं 11 साल से कम उम्र के बच्चों को व्यस्कों की तुलना में कम सैचुरेटेड फैट देना चाहिये। क्रीम, बिस्किट, चीज़, मक्खन आदि चीजों में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है। (Ref)

इन सबकी जगह खाने में अनसैचुरेटेड फैट को शामिल करना ज्यादा बेहतर होता है। इसके लिए कम वसा वाले दही या एवोकैडो का सेवन करें। सलाद में चीज़ की जगह मेवे या बीज का छिड़काव करें। प्रोटीन के स्त्रोत के रूप में बीन्स या सी फूड्स का उपयोग करें। कॉर्न, ऑलिव, पीनट्स, सोयाबीन या सनफ्लावर ऑइल से खाना पकाएं। (Ref)


4. शुगर की मात्रा को करें सीमित


खाने में ज्यादा मात्रा में शुगर का सेवन मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज एवं हृदय रोग का खतरा बढ़ा देता है। कुछ खाने में प्राकृतिक शुगर मौजूद होते हैं, तो वहीं कुछ खानपान की चीजों को तैयार करने में अतिरिक्त शुगर को शामिल किया जाता है। अतिरिक्त शुगर के कई अलग-अलग नाम हैं, जैसे गन्ने का रस, कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज़ और फ्रुक्टोज़ आदि। अगर आप अपने आपको स्वस्थ (Swasth in Hindi) रखना चाहते हैं, तो आपको अपने खाने में अतिरिक्त शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना होगा। (Ref)

5. सोडियम का सेवन ज्यादा न करें

ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है। सिर्फ नमक के रूप में ही व्यक्ति तकरीबन 90% सोडियम को कंज्यूम करता है। अगर शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित रखना है, तो -

  • खाने में ज्यादा मात्रा में नमक की जगह नींबू का रस या ताजे हर्ब्स का इस्तेमाल करें।
  • पिज्जा, ब्रेड, सॉस व अन्य खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही पैक्ड फूड में सोडियम का स्तर ज्यादा होता है। इसीलिए इन खाने की चीजों से परहेज करें।
  • जब भी खाने की चीजें खरीदें, तो एक बार उसका लेबल जरूर पढ़ लें और लो सोडयम युक्त प्रोडक्ट्स ही खरीदें।
  • अनप्रोसेस्ड फूड जैसे ताजी एवं फ्रोजन सब्जियां ज्यादा खरीदें और घर पर बिना नमक के उन्हें पकाकर खाएं। (Ref)

  • उपर बताये गये इन 5 आसान टिप्स को अपनाकर, आप अपने आहार को काफी हद तक संतुलित बना सकते हैं। साथ ही अपने आपको स्वस्थ (Swasth in Hindi) रखने की दिशा में अहम कदम भी बढ़ा सकते हैं।






 

  महिला एवं पुरुष को कितनी मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिये?  
   

एक अध्ययन के मुताबिक पुरुषों को एक दिन में 30 ग्राम और महिलाओं को 20 ग्राम से ज्यादा सैचुरेटेड फैट का सेवन नहीं करना चाहिये। उनके स्वास्थ्य के लिए ये बेहद आवश्यक है।

 
  कौन सा फैट शरीर के लिए फायदेमंद होता है?  
   

फैट मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं - सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट। सैचुरेटेड फैट का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग होने का खतरा बना रहता है। इसीलिए व्यक्ति को सैचुरेटेड फैट की तुलना में अनसैचुरेटेड फैट का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिये।

 

No comments

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Powered by Blogger.