महिलाओं को बार-बार पेशाब आना: ये 10 कारण हैं जिम्मेदार!

 

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना:DocTubeBlog

क्या आपको भी शौचालय से आने के बाद फिर से तुरंत पेशाब का एहसास होने लगता है? अगर हाँ, तो इस समस्या के बारे में एक बार अपने विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें। अक्सर महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इसे यूरिनरी फ्रीक्वेंसी या यूरिनरी अर्जेंसी के नाम से भी जाना जाता है। कई कारण महिलाओं में इस परेशानी को जन्म दे सकते हैं। इन कारणों में कुछ गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं। इसीलिए, महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी समस्या को इग्नोर नहीं करना चाहिये। ज्यादातर महिलाएं शर्म के कारण इस परेशानी को छिपाने की कोशिश करती हैं लेकिन ऐसा भूलकर भी न करें। इससे तकलीफ बढ़ सकती है। 


एक दिन में कितनी बार पेशाब आना सामान्य है?

ब्लैडर एक वक्त में 400-600एमएल यूरिन होल्ड कर सकता है। दिन में 7 से 8 बार और रात में 1 बार पेशाब आना सामान्य है। अगर इससे ज्यादा बार पेशाब आये, तो ये बीमारी का संकेत हो सकता है। (Ref)

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना, इस समस्या के बारे में उदयपुर से कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, डॉ. विश्वास बाहेती बताते हैं कि इसका मुख्य कारण ओवरएक्टिव बैल्डर है। भारत में तकरीबन 25 से 30% महिलाओं में यह समस्या नजर आती है। 40 या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में यह परेशानी ज्यादा देखी जाती है। 


महिलाओं को बार-बार पेशाब आना- जानें इसके 10 मुख्य कारण


1) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाले बैक्टीरियल संक्रमण को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) कहा जाता है। इसका प्रभाव ब्लैडर, किडनी एवं यूरेथ्रा पर पड़ता है। यह एक बड़ी वजह है, जिसके कारण महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। (Ref)

2) यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस

यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस यानी कि मूत्र असंयमिता के कारण महिलाओं को बार-बार पेशाब आना की समस्या हो सकती है। इस बीमारी में अक्सर हंसते हुए या बोलते हुए महिलाओं का यूरिन लीक हो जाता है। (Ref)

3) ओवरएक्टिव ब्लैडर

यह एक कॉमन शारीरिक अवस्था है, जिसमें महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी फीलिंग आती है। इस परेशानी में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पेशाब शरीर से बाहर निकलता है। इसके कारण रात में भी अक्सर महिलाओं को पेशाब के लिए उठना पड़ता है, जिसे नोक्टुरिया कहते हैं। (Ref)


4) शराब एवं कैफीन का सेवन

ज्यादा मात्रा में शराब या फिर चाय व कॉफी जैसे कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन से महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी परेशानी हो सकती है। इसीलिए, महिलाओं को इन पेय पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिये। (Ref)

5) वेजिनाइटिस

इस परेशानी में महिला को योनि में सूजन और दर्द का एहसास होता है। साथ ही साथ महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षणों से भी गुजरना पड़ता है। इस तकलीफ में पेशाब करते समय महिलाओं को जलन या खुजली भी महसूस हो सकती है। (Ref)


6) इंटरसिस्टिशियल सिस्टाइटिस

मूत्राशय के अंदर और आसपास की मांसपेशियों में इर्रिटेशन होने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह समस्या अधिक प्रभावित करती है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग नजर आते हैं। पेट के निचले हिस्से में दबाव और बार-बार पेशाब आना इंटरसिस्टिशियल सिस्टाइटिस के सबसे सामान्य लक्षण हैं। (Ref)


7) ब्लैडर स्टोन

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना, इस समस्या का कारण ब्लैडर स्टोन भी हो सकता है। यह स्टोन मिनरल्स से बना हुआ होता है, जो एक छोटे आकार का कठोर क्रिस्टल जैसा दिखता है। इस बीमारी में महिलाओं को बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है। इस बीमारी की शुरुआत किडनी स्टोन के रूप में हो सकती है, जो देखते ही देखते मूत्राशय तक पहुँच जाती है। इसके लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, मूत्र प्रवाह में बाधा उत्पन्न होना, मूत्र में रक्त आना, मूत्र का रंग गहरा होना आदि लक्षण नजर आते हैं। (Ref)


8) प्रेगनेंसी

गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन नामक एक हार्मोन बनता है। यह हार्मोन पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है, जिसके कारण महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी परेशानी हो सकती है। (Ref)

9) तनाव

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना, कभी-कभी चिंता या घबराहट के कारण भी हो सकता है। घरेलू जीवन, काम का दबाव, सामाजिक जीवन या अन्य किसी कारणों से चिंता होने पर महिलाओं को बार-बार शौच जाने की जरूरत पड़ सकती है। (Ref)


10) एस्ट्रोजन हार्मोन का घटना

एस्ट्रोजन महिलाओं में पाया जाने वाला सेक्स हार्मोन है। यह हार्मोन ब्लैडर के किनारे के हिस्से को सहारा देने में भी मदद करता है। अगर महिला के शरीर में इस हार्मोन की कमी हो जाती है, तो ऐसे में महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी समस्या हो सकती है। (Ref)


निष्कर्ष (Conclusion)

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी परेशानी का अवुभव हो, तो उन्हें तुरंत अपनी जाँच करानी चाहिये। जाँच में ही इस समस्या के सटीक कारण का पता चल पायेगा और उसी के अनुसार महिला का इलाज करना संभव हो सकेगा। इस परेशानी को कभी भी मामूला समझने की गलती न करें वरना इससे परेशानियां बढ़ सकती हैं। 


Reference


1) NHS, 2020. The overactive bladder and bladder retraining information for women Ouh.nhs.uk. Available at:


2) Edward Group, D., 2019. What Causes Frequent Urination in Women & How to Manage It, Dr. Group's Healthy Living Articles. Available at


3) Maddukuri, D., 2022. Excessive or Frequent Urination - Kidney and Urinary Tract Disorders - MSD Manual Consumer Version . Available at:


4) Lam, T., 2019. Frequent urination in women: 12 causes, and ways to find relief | HealthPartners Blog, HealthPartners Blog. Available at








  एक दिन में कितनी बार पेशाब आना नॉर्मल है?  
   

ब्लैडर एक वक्त में 400-600एमएल यूरिन होल्ड कर सकता है। दिन में 7 से 8 बार और रात में 1 बार पेशाब जाना सामान्य है। पेशाब की मात्रा व्यक्ति द्वारा ली जाने वाली फ्लूइड की मात्रा पर भी निर्भर करती है। वैसे एक व्यक्ति को पूरे दिन में तकरीबन 2 लीटर फ्लूइड का सेवन जरूर करना चाहिये।

 
  महिलाओं को बार-बार पेशाब आना, इसके क्या कारण हैं?  
   

महिलाओं को बार-बार पेशाब आने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें ओवरएक्टिव ब्लैडर, ब्लैडर स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, प्रेगनेंसी, तनाव, एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी आदि शामिल हैं।

 
  प्रेगनेंसी में महिलाओं को क्यों बार-बार पेशाब जाने का एहसास होता है?  
   

गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन नामक एक हार्मोन बनता है। यह हार्मोन पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है, जिसके कारण महिलाओं को बार-बार पेशाब आना जैसी परेशानी से गुजरना पड़ता है।

 

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