स्तन में गांठ या आसपास के हिस्से में थोड़ा सा भी बदलाव महसूस हो, तो तुरंत अपनी जाँच कराएं। अगर ऐसा न किया जाये तो इससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। वैसे अगर महिलाएं चाहें, तो वे खुद से ही स्तन कैंसर के लक्षण को पहचान सकती हैं। इसका सबसे आसान तरीका है- सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन। हर महिला को यह प्रक्रिया जरूर करनी चाहिये, तभी स्तन कैंसर का सही समय पर निदान और इलाज करना संभव हो सकेगा।
जानें भारत में कितनी महिलाओं में नजर आते हैं स्तन कैंसर के लक्षण
आंकड़ों के अनुसार भारत में स्तन कैंसर एक आम बीमारी बन चुकी है और यहाँ तकरीबन 14% महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण नजर आते हैं। वर्ष 2020 में भारत में 1 लाख 78 हजार 361 महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित पायी गयी थीं और 90 हजार महिलाओं ने इस बीमारी के कारण अपनी जान गवां दी थी।
जानें स्तन कैंसर के लक्षण
30 साल के शुरुआती दौर में या फिर 50-64 साल की महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है। समय रहते स्तन कैंसर के लक्षण को पहचान लिया जाये, तो इससे राहत मिलना संभव है। एक नजर डालें इस बीमारी के लक्षणों पर-
1. स्तन में गांठ
स्तन या अंडरआर्म्स में गांठ का बनना और इन गांठों में दर्द न होना, स्तन कैंसर का सबसे प्रमुख लक्षण है। अक्सर महिलाएं गांठ में दर्द न होने पर इसे इग्नोर कर देती हैं लेकिन ऐसा करना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसीलिए, सतर्क करें।
2. स्तन व आसपास की त्वचा में जलन होना
स्तन व उसके आसपास की त्वचा में अगर जलन होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है।
3. स्तन में सूजन या बदलाव का एहसास होना
अगर स्तन या आसपास के हिस्से में सूजन का एहसास हो या स्तन के आकार में परिवर्तन दिखाई दे, तो एक बार अपनी जाँच जरूर करा लें। ये दोनों
स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
4. निप्पल का अंदर की तरफ धंसना
निप्पल का अंदर की तरफ धंसना या निप्पल को छूने पर दर्द महसूस होना स्तन कैंसर का संकेत हो सकते हैं। इसीलिए, इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
5. निप्पल डिस्चार्ज
कई बार ब्रेस्ट मिल्क के अलावा निप्पल से सफेद रंग के कुछ और तरल पदार्थ निकलने लगते हैं। कभी-कभी निप्पल से ब्लीडिंग भी हो सकती है। ऐसी अवस्था में भी बिना देरी किये जांच कराना जरूरी है क्योंकि ये भी स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
स्तन कैंसर के लक्षण को पहचानने के लिए जरूरी है सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ,
डॉ. तृषा नायक बताती हैं कि स्तन कैंसर का जितना जल्दी निदान हो जाये, उतना बेहतर है। महिलाएं खुद ही हर महीने अपना सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन यानी कि अपने स्तन की जांच कर सकती हैं। इससे स्तन कैंसर के लक्षण को पहचानना आसान हो सकता है। सामान्य तौर पर माहवारी के 10 से 14 दिन बाद महिलाओं को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना चाहिये। वहीं, जिन महिलाओं को माहवारी नहीं आती है, वे इस परीक्षण के लिए महीने का कोई एक चुन सकती हैं। इस प्रक्रिया में 10 मिनट का ही समय लगता है। अगर इस दौरान महिलाओं को स्तन में बदलाव, स्तन के आसपास की चमड़ी का पतला होना या स्तन में गांठ नजर आये तो, उन्हें तुरंत अपनी जाँच करानी चाहिये।
स्तन कैंसर के लक्षण का पता लगाने के लिए ऐसे करें सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन!
स्तन की स्वयं जांच करना, स्तन कैंसर के लक्षण को पहचानने का एक आसान तरीका है। इसे कई तरीकों से किया जा सकता है-
दृश्य परीक्षण (Visual Examination)
इस प्रक्रिया में अपने कपड़े उतारकर नग्न अवस्था में दर्पण के सामने खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने हाथों को या तो दोनों तरफ लटकाकर रखें या कुल्हों पर दबाएं या फिर हाथों को सिर के पीछे की तरफ ले जाएं।
इसके बाद निम्नलिखित बातों पर दें ध्यान
- स्तन की त्वचा में बदलाव
- स्तन व आसपास के हिस्से का रंग बदलना
- ब्रेस्ट के आकार में बदलाव
- स्तन पर घाव
- निप्पल में बदलाव
- ब्रेस्ट मिल्क के अलावा निप्पल से अन्य तरल पदार्थ का निकलना
- स्तन में गांठ
- स्तन की त्वचा का मोटा होना
- बांह या गर्दन के आसपास गांठ
वैसे ये परीक्षण महिलाएं खड़े होकर या फिर लेटकर भी कर सकती हैं-
i) खड़े होकर ब्रेस्ट की जाँच करें
मोटी त्वचा या गांठों की पहचान करने के लिए बीच की तीन अंगुलियों से अपने स्तन को दबाएं। इस प्रक्रिया के लिए अंगुलियों के सपाट हिस्से का इस्तेमाल करें। दाहिने स्तन की जांच करते वक्त दाहिने हाथ को सिर के ऊपर उठाएं और फिर बाएं हाथों से अपने दाहिने स्तन को दबाएं। ठीक इसी तरह बाएं स्तन की जाँच के दौरान बाएं हाथ को सिर के उपर रखें और दाहिने हाथ से स्तन को दबाएं।
इसके बाद, स्तन के बाहरी घेरे से अंदर की ओर घड़ी की दिशा में स्तन को दबाना जारी रखें। इसके लिए 3 प्रेशर लेवल का ध्यान रखें - सुपरफिशियल (बाहरी), इंटरमिडिएट (मध्यवर्ती) और डीप (गहरा)।
स्तन कैंसर के लक्षण को पहचानने के लिए सबसे पहले कम दवाब से (त्वचा के ठीक नीचे के क्षेत्र को महसूस करने के लिए) स्तन को छूना शुरू करें। इसके पश्चात धीरे-धीरे दबाव बढ़ाएं (ऊतक को अंदर गहराई तक महसूस करने के लिए)। अन्त में निप्पल डिस्चार्ज का पता लगाने के लिए अंगुठे और बीच वाली अंगुली से निप्पल को दबाएं।
फिर आर्म पिट की जाँच करें और इसी तकनीक से दूसरे स्तन का भी परीक्षण करें।
ii) लेटकर करें स्तन की जाँच
इस प्रक्रिया में दाएं स्तन की जाँच करने के लिए दाहिनी हथेली को सिर के नीचे रखें और स्तन को छुएं। वहीं बाएं स्तन को छूने के लिए बायीं हथेली को सिर के नीचे रखें और फिर स्तन को स्पर्श करें। अगर इस दौरान स्तन व उसके आसपास के हिस्स में कुछ भी असामान्य सा महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
स्तन कैंसर के लक्षण की पहचान करने के लिए हर महिला को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन जरूर करना चाहिये। इससे सही समय पर न सिर्फ इस कैंसर का पता लगाया जा सकता है, बल्कि शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का इलाज भी किया जा सकता है।
Reference
1. India Against Cancer, 2020. Cancer Statistics -
Available at:
2. CDC, 2023. What are the symptoms of breast cancer? Centers for Disease Control and Prevention.
Available at:
3. Naik. T., 2023. सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन कितना जरूरी है? .
Available at:
स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
स्तन व आसपास के हिस्से में गांठ बनना, निप्पल डिस्चार्ज, स्तन के आकार में बदलाव, स्तन की त्वचा में जलन, निप्पल का धंसना आदि स्तन कैंसर के लक्षण हैं।
सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करने का सही समय क्या हैं?
सामान्य तौर पर माहवारी के 10 से 14 दिन बाद महिलाओं को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना चाहिये। वहीं, जिन महिलाओं को माहवारी नहीं आती है, इस परीक्षण के लिए महीने का कोई एक चुन सकती हैं। इस प्रक्रिया में 10 मिनट का ही समय लगता है।
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