पेट दर्द से राहत देने में अक्सर दवाईयों से ज्यादा दादी-नानी के नुस्खें काम आते हैं। हाँ, अगर किसी गंभीर बीमारी के कारण पेट में दर्द हो तो बात अलग है, वरना ज्यादातर मामलों में पेट दर्द का देसी उपचार ही सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध होता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में ये देसी उपचार हमेशा अपना कमाल दिखाते आये हैं। इन देसी उपचारों के बारे में विस्तार से जानने से पहले पेट दर्द के कारणों के बारे में जानकारी होना जरूरी है-
पेट दर्द का देसी उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है जो कि निम्नलिखित हैं-
- कई तरह के इंफेक्शन पेट का दर्द का कारण बन सकते हैं- जैसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस, फूड पॉइजनिंग, पेल्विक इंफेक्शन आदि।
- यौन संचारिच रोग होने पर भी व्यक्ति को पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
- अपच पेट दर्द का मुख्य कारण है।
- पेट में अल्सर हो जाये तो भी व्यक्ति को तीव्र पेट दर्द से गुजरना पड़ सकता है।
- अपेंडिसाइटिस रोग का भी मुख्य लक्षण पेट के निचले हिस्से में दर्द होना है।
- पित्त की थैली में पथरी होने पर अक्सर व्यक्ति को रह-रहकर पेट में तेज दर्द होता है। कई बार तो यह दर्द असहनीय हो जाता है।
- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या क्रोहन रोग भी पेट दर्द का मुख्य कारण है। इन बीमारियों में पेट दर्द का देसी उपचार करने के साथ-साथ डॉक्टर से सलाह लेने की भी आवश्यकता पड़ती है।
- महिलाओं को माहवारी से संबंधित परेशानियों या फिर गर्भावस्था के दौरान भी अक्सर पेट दर्द का सामना करना पड़ता है।
जानें पेट दर्द का देसी उपचार
पेट दर्द अगर बहुत ज्यादा गंभीर हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। वैसे बहुत से मामलों में अपच, गैस या फिर पेट खराब होने के कारण भी व्यक्ति को दर्द का एहसास होता है। इन स्थितियों में पेट दर्द का देसी उपचार किया जा सकता है-
1. ज्यादा मात्रा में पानी पीएं
खाद्य पदार्थों में शामिल पोषक तत्वों को अच्छे से पचाने और अवशोषित करने के लिए शरीर को पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी का असर पाचन शक्ति पर पड़ता है और इससे पेट खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। पानी पीने से सीने की जलन को कम करने में मदद मिल सकती है। एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स का कहना है कि सामान्यत: व्यक्ति को रोजाना 8 आउंस गिलास पानी पीना चाहिये लेकिन व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियां, ऊंचाई, तापमान, स्वास्थ्य व अन्य चीजों के आधार पर ये मात्रा अलग-अलग हो सकती है।
2. अदरक की चाय
अदरक एक बहुमुखी जड़ी बूटी है, जिससे कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। पेट दर्द का देसी उपचार में अदरक की चाय की भूमिका अहम है, इससे पेट खराब होना या जी मिचलाना जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।
3. कैमोमाइल टी
कैमोमाइल एक सौम्य व आरामदायक जड़ी बूटी है, जो पेट की तंत्रिकाओं को शांत करने और आराम देने में मदद करती है। अपच, गैस के साथ दर्द, सूजन, गैस्ट्रिक अल्सर आदि परेशानियों में ये पेट दर्द का देसी उपचार बेहद कारगर साबित होता है।
4. इन खाने की चीजों से करें परहेज
पेट में दर्द अगर ज्यादा हो, तो उन खाने की चीजों से दूर रहें जिसे पचाने में परेशानी हो, जैसे फैटी फूड्स, गेहूँ से बने उत्पाद, मसालेदार खाना, मैदा, प्रोसेस्ड फूड आदि।
5. शराब और धूम्रपान से करें परहेज
पेट दर्द का देसी उपचार करना है तो शराब और धूम्रपान से परहेज करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इन नशीले पदार्थों से कब्ज, अपच व अन्य गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति को तीव्र पेट दर्द से गुजरना पड़ सकता है। इसीलिए, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाना जरूरी है।
6. फाइबर युक्त खाने का सेवन ज्यादा करें
कब्ज की समस्या अगर बढ़ जाये, तो व्यक्ति के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तेल व मसालेदार खाने का सेवन कम करना चाहिये और खाने में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करना चाहिये- जैसे, ब्राउन ब्रेड, साबुत अनाज, ब्राउन राइस, होल व्हीट पास्ता आदि। इन खाने की चीजों से मल त्याग में कोई परेशानी नहीं होगी और कब्ज से राहत पाना आसान हो सकेगा।
7. पेट की सिकाई करें
अगर सूजन या गैस के कारण व्यक्ति को पेट दर्द हो, तो गर्म पानी की थैली या बोतल पेट पर रखने से दर्द से आराम मिल सकता है। यह एक बेहतरीन पेट दर्द का देसी उपचार है। दरअसल, हीट त्वचा में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है और मांसपेशियों को राहत देने में मदद करती है। इससे पेट दर्द या पेट की ऐंंठन से व्यक्ति को आराम मिल जाता है।
8. ज्यादा आराम करें
पेट दर्द से राहत पाने के लिए व्यक्ति का आराम करना भी बहुत जरूरी है। पेट में दर्द, ऐंठन या असहजता महसूस होने पर ज्यादा काम करने से यह समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसीलिए, व्यक्ति का पूर्ण रूप से आराम करना आवश्यक होता है।
9. पेनकिलर लें
अगर पेट दर्द ज्यादा गंभीर न हो, तो पेरासिटामोल जैसी हल्की दर्द निवारक दवाईयां व्यक्ति ले सकता है। पेरासिटामोल की सही खुराक जानने के लिए एक बार उसके पैकेट की जाँच जरूर करनी चाहिये। एस्पिरिन या एंटी इंफ्लेमेट्री दवाईयां बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिये वरना पेट दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
पेट दर्द का देसी उपचार काम न आये तो कब करें डॉक्टर से संपर्क?
कई बार पेट दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में पेट दर्द का देसी उपचार न करते हुए, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होता है। जानें किन परिस्थितियों में करना है डॉक्टर से संपर्क-
- अगर पेट के एक हिस्से में दर्द हो और धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता जाये
- पेट दर्द के साथ-साथ खून की उल्टी हो या मल में खून आये
- चक्कर आना या बेहोश होने पर तुरंत व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाएं
- बार-बार उल्टी हो तो भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- पेट में दर्द के साथ तेज बुखार हो तो अपनी जाँच कराएं
निष्कर्ष (Conclusion)
पेट दर्द का देसी उपचार, वैसे को काफी मददगार होता है लेकिन सावधानियां हमेशा बरतें। अगर इन देसी उपचारों से पेट दर्द से राहत मिल जाये तो ठीक है लेकिन अगर ऐसा न हो, तो तुरंत अपनी जाँच कराएं।
Reference:
2. Medical News Today, 2023. 12 Home Remedies for Stomach Pain (2023). Available at:
3. WRHA, 2010. Managing Constipation with a High Fibre Diet . Available at: (Accessed: 5 September 2023).
4. Veravia, 2015. Natural Remedies for an Upset Stomach.Veraviafit.com. Available at:
किन कारणों से हो सकता है पेट में दर्द?
गैस्ट्रोएंटिटाइटिस, फूड पॉइजनिंग, पेल्विक इंफेक्शन, यौन संचारिच रोग, अपच,
पेट में अल्सर, अपेंडिसाइटिस, पित्त की थैली में पथरी व अन्य कई कारणों से व्यक्ति को पेट में तेज दर्द हो सकता है। ऐसे में पेट दर्द का देसी उपचार न करते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
पेट दर्द में कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर पेट के एक हिस्से में दर्द हो और धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता जाये,खून की उल्टी हो या मल में खून आये, चक्कर आना, बेहोशी व तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
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