शरीर में होने वाले ये बदलाव कहीं पीरियड आने के लक्षण तो नहीं!

 

पीरियड आने के लक्षण:DocTubeBlog

कई महिलाओं के लिए पीरियड आना थोड़ा तकलीफदायक होता है। दरअसल, पीरियड शुरू होने के कुछ दिनों पहले से ही अक्सर महिलाओं को पेट दर्द, मूड स्विंग, भूख न लगवा व अन्य कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इस स्थिति को पीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के नाम से जाना जाता है। इस परेशानी में कई महिलाओं में 2 हफ्ते पहले से ही पीरियड आने के लक्षण नजर आने लगते हैं। पीरियड के शुरू होते ही इन लक्षणों से महिलाओं को थोड़ा आराम मिलना शुरू हो जाता है और पीरियड खत्म होते ही ये लक्षण गायब हो जाते हैं।

पीरियड आने के लक्षण क्या हैं?

पीएमएस के लक्षणो को मनोवैज्ञानिक (Psychological), शारीरिक (Physical) एवं व्यवहारात्मक (Behavioral), तीन भागों में बांटा गया है। इनके अन्तगर्त तकरीबन 100 पीरियड आने के लक्षण की पहचान की गयी है। इनमें से कुछ ही लक्षण ऐसे हैं, जो महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं (Ref)

1. मनोवैज्ञानिक पीरियड आने के लक्षण (Psychological Symptoms)

  • अचानक से मूड स्विंग या बहुत ज्यादा इर्रिटेशन महसूस होना
  • अत्मविश्वास में कमी 
  • हर बात में बहुत ज्यादा गुस्सा आना
  • उदासी का एहसास होना
  • तनाव महसूस होना
  • हर वक्त घबराहट होना
  • बहुत ज्यादा थकावट लगना
  • किसी भी काम में फोकस न कर पाना
  • हर वक्त बेचैनी महसूस होना

2. शारीरिक पीरियड आने के लक्षण (Physical Symptoms)

  • अचानक से वजन का बढ़ना
  • पेट फूलने का एहसास होना
  • स्तन में कोमलता या गांठ महसूस होना
  • सिर और कमर में दर्द होना
  • चेहरे पर पिंपल्स आना
  • पेट खराब होना और हर वक्त कमजोरी लगना
  • जोड़ों में दर्द और चक्कर आना

3. व्यवहारात्मक पीरियड आने के लक्षण (Behavioral Symptoms)

  • अचानक से कुछ खाने की तीव्र इच्छा होना
  • जरूरत से ज्यादा खाना
  • यौन इच्छा में कमी होना
ये तीन प्रकार के पीरियड आने के लक्षण महिलाओं को सबसे ज्यादा तकलीफ देते हैं। हर महीने महिलाओं में पीरियड आने से पहले अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं। 

जानें पीरियड आने के लक्षण (पीएमएस) का कारण

पीएमएस के कारणों के बारे में वैसे तो कोई विशिष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर्स हैं, जिससे पीएमएस का जोखिम बढ़ सकता है- 

1. केमिकल बदलाव 

महिलाओं के शरीर में मौजूद सेरोटोनिन केमिकल उनके मूड को नियंत्रित रखने में सहायता करता है। मासिक धर्म चक्र के दौरान मस्तिष्क में इस केमिकल के स्तर में बदलाव होते रहता है। जिन महिलाओं में सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, उनमें कुछ दिनों पहले से ही पीरियड आने के लक्षण नजर आने लगते हैं। (Ref)

2. हार्मोनल बदलाव

महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन बदलाव भी पीरियड आने के लक्षण का कारण बन सकते हैं। जो महिलाएं इस बदलाव को लेकर ज्यादा संवेदनशील होती हैं, उनमें पीएमएस के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं। वहीं हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को ये लक्षण कम परेशान करते हैं। (Ref)

3. तनाव

काम का दबाव, घर को संभालना व अन्य कई कारणों से बढ़ता तनाव भी पीरियड आने के लक्षण को गंभीर बना सकता है। वैसे ये पीएमएस का प्रत्यक्ष कारण नहीं है लेकिन इससे ये समस्या ट्रिगर हो सकती है। (Ref)

4. मोटापा और एक्सरसाइज की कमी

एक तरफ बढ़ता वजन और दूसरी तरफ किसी तरह की शारीरिक गतिविधियां न करना, पीएमएस का कारण बन सकती हैं। (Ref)

5.  खानपान

अत्यधिक नमक के सेवन से पेट फूलना जैसी समस्या हो सकती है।  वहीं शराब के सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होने के साथ-साथ महिलाओं का मूड स्विंग भी ज्यादा हो सकता है। शरीर में विटामिन एवं मिनरल्स की कमी से भी पीरियड आने के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। (Ref)

जानें पीरियड आने के लक्षण से राहत पाने के तरीके

पीएमएस से राहत पाना हर महिला के लिए संभव है। इसके लिए जीवनशैली में कुछ आवश्यक बदलाव को प्राथमिकता देनी होगी, जो कि इस प्रकार से हैं- 

1. हेल्दी डाइट

खानपान में सुधार कर पीरियड आने के लक्षण को कम किया जा सकता है। इसके लिए खाने में भरपूर मात्रा में फल, हरी सब्जियों एवं होल ग्रेन्स फूड्स का सेवन करना जरूरी है। इसके अलावा कम मात्रा में नमक, कैफीन एवं चीनी का सेवन पीएमएस से राहत देने में अहम भूमिका निभाता है।

2. एक्सरसाइज

रोजाना एक्सरसाइज करने से भी पीरियड आने के लक्षण से राहत मिल सकती है। महिलाएं चाहें तो उन शारीरिक गतिविधियों का चयन कर सकती हैं, जिन्हें करने पर उन्हें बहुत मजा आता हो। हर रोज 30 मिनट तक एक्सरसाइज करना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

3. शराब और धूम्रपान से परहेज

पीरियड आने के लक्षण से आराम पाना है तो महिलाओं को शराब और धूम्रपान से परहेज करना होगा। इन दोनों ही नशीले पदार्थों के सेवन से पीएमएस गंभीर हो सकता है।

4. पर्याप्त नींद

नींद की कमी से पीएमएस ट्रिगर हो सकता है। इसके कारण चिड़चिड़ापन, सिरदर्द व अन्य कई समस्याएं महिलाओं को परेशान कर सकती हैं। इसीलिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना हर महिला के लिए जरूरी है।

पीरियड आने के लक्षण से छुटकाना पाने में मदद करेंगे ये विटामिन और मिनरल्स

  1. पीएमएस से पीड़ित कुछ महिलाओं में मैग्नीशियम का स्तर कम होता है। ऐसे में मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स लेना फायदमेंद हो सकता है। हालांकि, इसे लेकर अभी और शोध करने की जरूरत है।
  2. कैल्शियम और विटामिन डी एक साथ लेने से न सिर्फ पीरियड आने के लक्षण बल्कि माइग्रेन के दर्द से भी राहत मिल सकती है।
  3. विटामिन बी6, को पाइरिडोक्सिन भी कहा जाता है। इसकी मदद से महिलाओं को मूड स्विंग या चिड़चिड़ापन जैसे लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसे पीरियड आने के 2 हफ्ते पहले से हर रोज लेना बेहतर रहता है।  
  4. फोलिक एसिड के सेवन से थकान और अवसाद जैसे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

उपर बताये गये गये आसान तरीकों को अपनाकर महिलाएं  पीरियड आने के लक्षण से राहत पा सकती हैं। अगर ये लक्षण बहुत ज्यादा परेशान करने लगे और महिलाओं के लिए रोजाना के काम करना मुश्किल हो जाये, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की निगरानी में पीएमएस का इलाज पूर्ण रूप से संभव है।


Reference:

  •  RCOG, 2018. Managing premenstrual syndrome (PMS). Available at (Accessed: 28 August 2023).
  •  Women’s Health Concern, 2012. premenstrual syndrome (PMS) Available at (Accessed: 28 August 2023).
  • FPNSW, 2018. Factsheet premenstrual syndrome (PMS) Available at (Accessed: 28 August 2023).














  पीरियड आने के लक्षण कितने प्रकार के होते हैं?  
   

महिलाओं में पीरियड आने के लक्षण मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं- मनोवैज्ञानिक (Psychological), शारीरिक (Physical) एवं व्यवहारात्मक (Behavioral)।

 
  पीरियड आने से पहले महिलाओं में कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं?  
   

मूड स्विंग, इर्रिटेशन, थकान, कमजोरी, भूख न लगना, काम में फोकस न कर पाना, अचानक से कुछ खाने की इच्छा करना, पेट फूलना, यौन इच्छा में कमी आदि पीरियड आने के लक्षण हो सकते हैं।

 

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