Depression Meaning in Hindi- डिप्रेशन कर सकता है आत्महत्या के लिए मजबूर!

 

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अक्सर हम व्यक्ति की उदासी या परेशानी को एक आम इमोशन समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। जब कोई आदमी अकेला रहना पसंद करता है तो कुछ लोग उसका मजाक भी उड़ाते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि व्यक्ति का दुखी रहना और उदास होना, एक ही बात नहीं है। किसी व्यक्ति का हर वक्त उदास रहना डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) का इशारा हो सकता है। कभी-कभी यही उदासी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए भी मबजूर कर देती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 7 लाख से ज्यादा लोग डिप्रेशन के कारण आत्महत्या का कदम उठाते हैं। इसीलिए, समय रहते डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानकर व्यक्ति का इलाज कराना आवश्यक होता है।

 

जानें डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) के लक्षण-

1. हर बात पर निराश होना

डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति निराशाओं से घिर जाता है। उसे किसी बात में कोई उम्मीद ही नजर नहीं आती। ऐसा व्यक्ति अपने आप से भी निराश हो जाता है और उसे यही लगता है कि वो किसी काम के लायक नहीं है। गलती न होते हुए भी वो अपने आपको ही दोषी मानने लगता है।

2. किसी चीज में रुचि न होना

अगर कोई व्यक्ति अपने पसंदीदा काम को करने में ही हिचकिचाने लगे या उससे दूर भागने लगे, तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है। यह लक्षण भी डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) का संकेत हो सकता है।

3. हर वक्त थकान रहना

बिना कोई काम किये भी थकावट महसूस करना, किसी भी काम को करने की एनर्जी न रहना एवं हर वक्त बुझा-बुझा सा रहना, डिप्रेशन के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। इस बीमारी में शरीर की उर्जा जैसे गायब सी हो जाती है।

4. नींद में बदलाव

अगर व्यक्ति अवसाद से पीड़ित हो, तो या तो उसकी नींद उड़ जाती है, या फिर वो जरूरत से ज्यादा सोता है। चूंकि, डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) में व्यक्ति को थकावट भी ज्यादा महसूस होती है, इसके कारण भी उसे हर वक्त नींद का एहसास होता है।

5. चिंता

डिप्रेशन में चिंता होना लाजमी है। इस अवस्था में व्यक्ति को अजीब सी बेचैनी, घबराहट और डर की भावना महसूस होती है। हर छोटी-छोटी बात में व्यक्ति चिंता करने लगता है। जिसके कारण कभी-कभी दिल की धड़कन बढ़ जाना, पसीना आना आदि परेशानियों से व्यक्ति को गुजरना पड़ता है।

6. भावनाओं पर नियंत्रण न रहना

अचानक से बहुत गुस्सा हो जाना या बिना बात के रोना, ये वो अनियंत्रित भावनाएं हैं जो डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) की ओर इशारा करती हैं। इस बीमारी में व्यक्ति अपनी भावनाओं पर ही कंट्रोल खो देता है।

7. भूख और वजन में बदलाव

डिप्रेशन से पीड़ित लोगों की भूख और वजन दोनों में बदलाव नजर आने लगता है। कुछ लोगों को ज्यादा भूख लगती है, तो कुछ की भूख कम हो जाती है। वहीं कुछ लोगों का वजन बढ़ता है, तो कुछ का वजन तेजी से घटने लगता है। 

8. खुद को नुकसान पहुँचाने की इच्छा होना

कुछ लोगों में यह बीमारी इतनी खतरनाक हो जाती है कि व्यक्ति खुद को ही नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है। कुछ मामलों में बात आत्महत्या तक भी पहुँच जाती है। 

इस बारे में मनोचिकित्सक, डॉ. सुनील पवार बताते हैं कि3 आजकल डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) एक कॉमन बीमारी बन चुकी है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति में उदास रहना, अपने मनपसंद काम को करने का मन नहीं करना, शरीर में थकान रहना, मन में घबराहट होना, नकारात्मक विचारों का आना आदि लक्षण नजर आते हैं।


क्या है डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) का इलाज?

मनोवैज्ञानिक उपचार या फिर दवाईयों की मदद से डिप्रेशन का उपचार किया जा सकता है। अगर डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) बहुत ज्यादा गंभीर है, तो मनोवैज्ञानिक उपचार की मदद से व्यक्ति का इलाज किया जाता है। निम्नलिखित 3 तरीकों से डिप्रेशन का इलाज संभव है -

1. व्यवहारिक सक्रियता (Behavioural Activation)

डिप्रेशन के इलाज में व्यवहारिक सक्रियता को प्रभावी माना गया है। दरअसल, अक्सर डिप्रेशन से ग्रस्त लोग उन गतिविधियों में रुचि खो देते हैं, जिन्हें करने में उन्हें कभी बहुत आनंद आता था। इस तरह के लक्षण डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) को और भी ज्यादा गंभीर बना सकते हैं। ऐसे में व्यवहारिक सक्रियता की मदद से व्यक्ति को उन कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसे वो एन्जॉय करते हों। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को संगीत सुनना बहुत पसंद है, तो व्यवहारिक सक्रियता में उसे उसी कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ताकि व्यक्ति उस कार्य में सक्रिय हो जाये और नकारात्मकताओं की तरफ उसका ध्यान ही न जाये।

2. कॉगनिटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive Behavioural Therapy)

संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (कॉगनिटिव बिहेवियरल थेरेपी) एक टॉकिंग थेरेपी है, जो व्यक्ति की सोच और व्यवहार के तरीके को बदलकर समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद करती है। इसका उपयोग आमतौर पर चिंता और डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन यह अन्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी उपयोगी हो सकता है। इस थेरेपी का लक्ष्य भारी समस्याओं को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर, उनसे सकारात्मक तरीके से निपटना है। इस प्रक्रिया में मरीज हर हफ्ते या फिर 2 सप्ताह में एक बार अपने थेरेपिस्ट से मिलता है। इसमें 6 से 20 सेशन होते हैं और प्रत्येक सेशन 30 से 60 मिनट तक चलता है। इस दौरान मरीज थेरेपिस्ट से अपने विचार शेयर करता है और उसी के अनुसार थेरेपिस्ट उसके इलाज का तरीका निर्धारित करते हैं।

3. समस्या-समाधान चिकित्सा (Problem-Solving Therapy)

जब व्यक्ति के पास अपनी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो न चाहते हुए भी वो चिंता से घिरने लगता है। ऐसे में समस्या-समाधान चिकित्सा थेरेपी की मदद से व्यक्ति को उसकी समस्या, उसके समाधान और अन्य कई बातों की जानकारी दी जाती है। सामान्य तौर पर, 7 चरणों में समस्या-समाधान चिकित्सा काम करती है-

1.1. समस्या का चयन 
2.2. समस्या के समाधान के लिए लक्ष्य स्थापित करना 
3.3. वैकल्पिक समाधान तैयार करना
4.4. आवश्यक निर्णय लेने के लिए मरीज को तैयार करना
5.5. समस्या का मूल्यांकन और समाधान चुनना
6.6. उचित समाधान लागू करना
7.7 परिणाम का मूल्यांकन करना

इन 7 चरणों की मदद से मरीज को अपनी समस्या के समाधान करने के बारे में बताया जाता है ताकि उसका तनाव कम हो सके।
 

निष्कर्ष (Conclusion)

डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) से निजात पाना संभव है लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब मरीज स्वयं अपनी मदद करेगा। इसके लिए दूसरों से अपनी समस्या के बारे में बात करना, चिकित्सक से संपर्क करना और उनकी देखरेख में आवश्यक इलाज कराना जरूरी है।

Reference

1. WHO, 2023. Depressive disorder. Available at: (Accessed: 31st  August 2023).

2. American Psychiatric Association, 2023. Available at: (Accessed: 31st  August 2023).

3. Pawar , S., अवसाद (Depression) क्या है? (2023). Available at: (Accessed: 1 September 2023).

4. Gepp, K., 2021. What is behavioral activation?. Available at: (Accessed: 1 September 2023).

5. NHS, 2021. Overview - Cognitive behavioural therapy (CBT)  Available at: (Accessed: 1 September 2023).

6. SPRC, 2017. Problem-Solving Therapy (PST) Available at: (Accessed: 1 September 2023).








  डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?  
   

हर वक्त उदास रहना, अकेला महसूस करना, कजोरी, थकान, नींद न आना, वजन घटना या बढ़ना आदि डिप्रेशन के लक्षण हैं।

 
  किन 4 तरीकों से किया जा सकता है डिप्रेशन का इलाज?  
   

व्यवहारिक सक्रियता (Behavioural Activation), कॉगनिटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive Behavioural Therapy), पारस्परिक मनोचिकित्सा (Interpersonal Psychotherapy) एवं समस्या-समाधान चिकित्सा (Problem-Solving Therapy) की मदद से डिप्रेशन का इलाज संभव है।

 

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