कहीं आप भी ओवर द काउंटर ड्रग्स (Drugs Meaning in Hindi) एडिक्शन के शिकार तो नहीं?

 

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सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, इन लक्षणों के नजर आने पर अक्सर लोग डॉक्टर के पास ना जाकर ओवर द काउंडर दवाइयां (Drugs Meaning in Hindi) लेने को प्राथमिकता देते हैं। वैसे तो सरकार की तरफ से ओवर द काउंटर दी जाने वाली दवाइयों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की गयी है लेकिन कुछ लोग इन दवाइयों का दुरुपयोग करते हैं। कहने का मतलब ये है कि कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें ओवर द काउंटर दवाइयां लेने की आदत पड़ जाती है। कुछ भी समस्या होने पर वे डॉक्टर को न दिखाकर सीधे मेडिकल स्टोर पहुँच जाते हैं और खुद से ही बीमारी को ठीक करने के लिए दवाइयां लेने लगते हैं। एक प्वाइंट के बाद ये दवाइयां उन्हें ही नुकसान पहुँचाने लगती है। इसीलिए व्यक्ति का ओवर द काउंटर दवाइयां लेने से पहले कुछ बातों को समझना बेहद जरूरी है। 

सबसे पहले जानें ओवर द काउंटर दवाइयां क्या होती हैं? 

ओवर द काउंटर दवाइयां (Drugs Meaning in Hindi) वो हैं, जो बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के ली जा सकती हैं। इन दवाइयों का इस्तेमाल सिर्फ कुछ लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जा सकता है लेकिन प्रिस्क्रिप्शन में मौजूद दवाइयों के विकल्प के रूप में नहीं। ये दवाइयां सेल्फ केयर सिस्टम का अहम हिस्सा हैं एवं बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान इनकी मदद से किया जा सकता है। (Ref)

क्यों पड़ती है ओवर द काउंटर दवाइयों (Drugs Meaning in Hindi) की जरूरत?

भारत जैसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों में जहाँ रोगियों की तुलना में डॉक्टर्स का अनुपात कम है, वहाँ ओवर द काउंटर दवाइयां मरीजों के बहुत काम आती हैं। इन दवाइयों को लेने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं -  (Ref)

  • समय की बचत
  • डॉक्टर की फीस ज्यादा होना
  • मेडिकल सेंटर में बहुत ज्यादा भीड़ होना
  • डॉक्टर पर भरोसे की कमी
  • पैसे की कमी

ओवर द काउंटर मेडिसिन का दुरुपयोग है चिंता का विषय!

ओवर द काउंटर दवाइयों का बढ़ता उपयोग चिकित्सा जगत के लिए चिंता का विषय बन चुका है। दरअसल, लोगों में जागरूकता की कमी इस चिंता का मुख्य कारण है। कई ऐसे युवा या व्यस्क हैं, जो मेडिकल स्टोर से बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाइयां  (Drugs Meaning in Hindi) तो ले लेते हैं लेकिन उसके लेबल पर लिखे इस्तेमाल करने के तरीकों को नहीं पढ़ते हैं। एक दूसरे से इन दवाइयों को शेयर करना, मेडिसिन की एक्सपायरी डेट न देखना, अगर दवाईयां काम न करें तो उसकी खुराक स्वयं ही बढ़ा लेना, इन दवाइयों का स्टोक रखना जैसी लोगों की आदतें अब परेशानी का सबब बनती जा रही हैं। स्थिति को देखते हुए ही द फूड, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट को 1938 में लागू किया गया था। इस एक्ट के तहत एफडीए को प्रिस्क्रिप्शन द्वारा दी जाने वाली दवाइयां और ओवर द काउंडर दी जाने वाली मेडिसिन को लेकर एक स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने को कहा गया था। (Ref)

जानें ओवर द काउंटर मेडिसिन लेने से संबंधित क्या है गाइडलाइन?

1) जब भी व्यक्ति ओवर द काउंटर मेडिसिन (Drugs Meaning in Hindi) लेने जाये तो सबसे पहले अपने लक्षणों को अच्छे से समझ ले। अनुमान के आधार पर कभी भी दवाइयां न खरीदे। (Ref)

2) दवाइयां लेने से पहले उसमें मौजूद सामग्री को एक बार पढ़ लें। ये देख लें कि उसमें कोई ऐसी सामग्री तो शामिल नहीं है, जिससे आपको एलर्जी हो सकती है। (Ref)

3) दवाइयों के लेबल को अच्छे से पढ़ लें और उसकी खुराक, साइट इफेक्ट्स व अन्य बातों को जानकर ही उन दवाइयों का सेवन करें। (Ref)

4) एक अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से भी ओवर द काउंटर मेडिसिन लेने से पहले एक बार सलाह ले लें। (Ref)

5) हमेशा एक ही फार्मेसी से दवाइयां लेने की कोशिश करें। (Ref)

6) कभी भी निर्धारित वक्त से ज्यादा समय के लिए ओवर द काउंटर मेडिसिन का इस्तेमाल न करें। अगर आपके लक्षणों में कोई सुधार ना हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। (Ref

ओवर द काउंटर ड्रग्स एडिक्शन (Drugs Meaning in Hindi) बन चुकी है सबसे बड़ी परेशानी!

ओवर द काउंटर ड्रग्स एडिक्शन (Drugs Meaning in Hindi) एक बहुत बड़ी समस्या है। वैसे जो ज्यादातर ओवर द काउंटर ली जाने वाली दवाइयों को सुरक्षित माना जाता है लेकिन कुछ दवाइयों में साइकोएक्टिव प्रोपर्टीज शामिल होती हैं, जो व्यक्ति में एडिक्शन को ट्रिगर कर सकती हैं (Ref) । वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग एब्यूज के मुताबिक डेक्सट्रोमेथॉर्फन एवं लोपरामाइड का दुरुपयोग व्यक्ति को एडिक्शन का शिकार बना सकता है। इस एडिक्शन से व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसका असर व्यक्ति के काम पर या बच्चे के स्कूल लाइफ पर भी पड़ सकता है। इतना ही नहीं ओवर द काउंटर ड्रग्स एडिक्शन ब्रेन और शरीर को इस हद तक प्रभावित कर सकता है कि व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

जानें ओवर द काउंटर ड्रग्स (Drugs Meaning in Hindi) एडिक्शन के लक्षण क्या हैं? (Ref)

  • दवाइयों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना
  • दवाइयों की खुराक को लेकर परिवार, दोस्तों या डॉक्टर से झूठ बोलना
  • दूसरों से अपनी दवाइयों को छिपाना
  • दवाइयां चुराना
  • नकारात्मक परिणाम नजर आने पर भी लगातार दवाइयों का इस्तेमाल करते रहना
  • कहीं दवाइयों का स्टॉक खत्म न हो जाये, ये सोचकर ज्यादा मात्रा में दवाइयां खरीदना

क्या है ओवर द काउंटर ड्रग्स (Drugs Meaning in Hindi) एडिक्शन का इलाज? (Ref)


ओवर द काउंटर ड्रग्स (Drugs Meaning in Hindi) एडिक्शन का सबसे पहला इलाज डिटॉक्सिफिकेशन है। इसकी मदद से एडिक्शन छोड़ने के बाद नजर आने वाले लक्षणों से मरीज को राहत देने की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही इन दवाइयों की लत से मरीज में नजर आने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव का भी इलाज किया जाता है। इसके अलावा एडुकेशनल सेमिनार, बिहेवियरल थेरेपी एवं अन्य तरीकों को अपनाकर भी इस एडिक्शन का इलाज किया जा सकता है।

एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि ओवर द काउंटर दवाइयां (Drugs Meaning in Hindi) लेना गलत नहीं है लेकिन ये दवाइयां आदत नहीं बननी चाहिये। अगर इन दवाइयों की आदत लग गयी तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इसीलिए सावधान रहें।







  ओवर द काउंटर ड्रग्स एडिक्शन में क्या-क्या लक्षण नजर आते हैं?  
   

ओवर द काउंटर ड्रग्स एडिक्शन में व्यक्ति जरूरत से ज्यादा दवाइयों की खुराक लेने लगता है, दूसरों से इस बारे में झूठ बोलता है, अपनी दवाइयों को दूसरों से छिपाता है और दवाइयों का स्टॉक पहले से अपने पास जमा रखता है।

 
  ओवर द काउंटर दवाइयां लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?  
   

जब भी ओवर द काउंटर दवाइयां लें, तो पहले दवाइ के लेबल को अच्छे से पढ़ लें। उसमें मौजूद सामग्री और एक्सापयरी डेट की जाँच कर लें। दवाइयों के साइ़ड इफेक्ट्स को भी अच्छे से समझ लें। इसके साथ ही कभी भी जरूरत से ज्यादा इन दवाइयों का सेवन न करें।

 

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