अचानक से थकान लगना, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना, त्वचा में बदलाव नजर आना, अगर किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण नजर आये, तो इसे बिल्कुल भी इग्नोर न करें। हो सकता है कि वो व्यक्ति एनीमिया से पीड़ित हो। एनीमिया का मतलब है- शरीर में खून की कमी होना। ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम हो जाता है। इसके कारण शरीर के सभी अंगों तक आक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है और व्यक्ति में कई तरह की परेशानियां नजर आने लगती है।
बच्चों और महिलाओं में एनीमिया का खतरा होता है ज्यादा!
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार छोटे बच्चों, किशोरियों जिनमें माहवारी की शुरुआत हो चुकी है एवं गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का खतरा ज्यादा रहता है। आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर 6-59 महीने के 40% बच्चे, 37% गर्भवती महिलाएं एवं 15-49 साल की 30% महिलाएं एनीमिया की चपेट में हैं। (
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एनीमिया के प्रकार
इस बारे में शिशु रोग विशेषज्ञ,
डॉ. ललिता कनोजिया बताती हैं कि हीमोग्लोबिन, शरीर के विभिन्न अंगो तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। जब खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, तो शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होने लगती है। खून में इसी हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया कहा जाता है। ये बीमारी कई प्रकार ही होती है। अगर हीमोग्लोबिन की बनावट में ही कोई परेशानी हो, तो इसे हीमोग्लोबिनोपैथी कहते हैं। वहीं अगर शरीर में हीमोग्लोबिन पर्याप्त मात्रा में बनें लेकिन इनके टूटने की गति तेज़ हो, तो इसे हेमोलेटिक एनीमिया कहते हैं।
इसके अलावा भी एनीमिया रोग कई प्रकार के होते हैं-
1. अप्लास्टिक एनीमिया
जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन सही मात्रा में नहीं होता, तो इसे अप्लास्टिक एनीमिया कहा जाता है।
2. आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया
ज्यादा मात्रा में खून का शरीर से बाहर निकलना, खाने में आयरन की कमी व अन्य कारणों ये व्यक्ति इस एनीमिया की चपेट में आ सकता है।
3. विटामिन डेफिशियेंसी एनीमिया
शरीर में विटामिन बी 12 एवं फोलेट की कमी विटामिन डेफिशियेंसी एनीमिया का कारण बनती है।
4. सिकल सेल एनीमिया
हीमोग्लोबिन के असामान्य स्तर के कारण इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं सिकल के आकार की हो जाती हैं। इसकी वजह से लाल रक्त कोशिकाओं की शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने की क्षमता प्रभावित होने लगती है।
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया है सबसे कॉमन!
अध्ययन के अनुसार एनीमिया से सभी मामलों में 50% मामले आयरन डेफिशियेंसी के ही नजर आते हैं।
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया के लक्षण
- हर वक्त थकावट महसूस करना या किसी भी काम को करने की एनर्जी न रहना।
- सांस लेने में तकलीफ होना या सांस फूलना
- दिल की धड़कन का बढ़ जाना
- त्वचा का पाली पड़ना
- कमजोरी होना
- सिरदर्द
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया के कारण
1. खराब खानपान
आहार में आयरन की कमी
एनीमिया का सबसे प्रमुख कारण है। अंडा, मांस, टोफू, बीन्स व अन्य कई खाने की चीजों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आजकल लोग बाहर का खाना एवं प्रोसेस्ड फूड का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं। जिसके कारण उनके शरीर में आयरन पर्याप्त मात्रा में नहीं जाता है और वे आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का शिकार हो जाते हैं।
2. रक्त की हानि
आयरन मुख्य रूप से रक्त में पाया जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद रहता है। ऐसे में चोट लगने, बच्चे को जन्म देने या पीरियड्स में ज्यादा मात्रा में रक्तस्त्राव होने के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है और व्यक्ति एनीमिया की चपेट में आ सकता है।
3. आयरन को अवशोषित करने की क्षमता में कमी
कुछ लोगों का शरीर पर्याप्त मात्रा में आयरन अवशोषित नहीं कर पाता है। छोटी आंत में किसी समस्या के कारण यह परेशानी उत्पन्न हो सकती है जैसे- सीलिएक रोग या क्रोहन रोग आदि।
4. प्रेगनेंसी
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन की कमी एक आम समस्या है। दरअसल, बढ़ते भ्रूण को बहुत अधिक आयरन की आवश्यकता होती है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है। रक्त की यही अधिक मात्रा अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ज्यादा आयरन की मांग करती है, जिसके कारण आयरन की कमी होना लाजमी है।
किनमें आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का खतरा है ज्यादा?
1.शाकाहारी
जो लोग पौधे-आधारित आहार पर ज्यादा निर्भर रहते हैं - उनमें आयरन की कमी हो सकती है। इसीलिए, ऐसे लोगों को आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे चीया सीड, एप्रिकॉट, आलुबुखारा, किशमिश आदि का सेवन करना चाहिये।
2. महिलाएं
पीरियड्स में शरीर से खून बाहर निकलने के कारण महिलाओं एवं किशोरियों में आयरन की कमी हो सकती है। इसके अलावा डिलीवरी के दौरान बहुत ज्यादा रक्त की हानि होना भी आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का खतरा पैदा कर सकता है।
3. रक्तदाता
जो लोग नियमित रूप से रक्त देते हैं, उनमें आयरन की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है।
4. शिशु और बच्चे
जो बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं या जन्म के समय जिनका वजन सामान्य से कम होता है, उनमें आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का जोखिम ज्यादा होता है। इसके अलावा, जिन शिशुओं को माँ के दूध से पर्याप्त आयरन नहीं मिलता, वे भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का निदान
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का निदान केवल एक डॉक्टर ही कर सकता है। ऐसे में मरीज को कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) कराने की सलाह डॉक्टर देते हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति को पाचन के दौरान दर्द का अनुभव हो, तो मरीज को कोलोनोस्कोपी कराने की सलाह भी दी जा सकती है।
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का इलाज
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया के इलाज के लिए डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट लेने का सुझाव देते हैं। डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही आयरन सप्लीमेंट्स की खुराक लेनी चाहिये वरना इसकी ज्यादा मात्रा लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है। कभी-कभी आयरन की अधिक मात्रा कब्ज पैदा कर सकती है। परिणामस्वरूप, डॉक्टर मल त्याग को आसान बनाने के लिए लेक्जेटिव दे सकते हैं।
अगर किसी अन्य बीमारी के कारण आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया होता है, तो बीमारी के आधार पर दवाईयां, एंटीबायोटिक्स या सर्जरी जैसे विकल्पों का चुनाव किया जाता है।
आयरन का सबसे अच्छा इलाज है खानपान में सुधार। इसके लिए आहार में अधिक आयरन और विटामिन सी की मात्रा को शामिल करना जरूरी है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों में बीन्स, लाल मांस, सूखे मेवे, आयरन-फोर्टिफाइड अनाज और मटर शामिल हैं। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में खट्टे फल, पत्तेदार सब्जियाँ एवं ब्रोकोली का सेवन करना फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एक बात ध्यान में रखें कि शरीर में आयरन की कमी को नॉर्मल होने में वक्त लगता है। इसीलिए, आयरन डेफिशियेंसी
एनीमिया के इलाज में महीनों लग सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर से नियमित जाँच कराते रहें और अपने खानपान का विशेष ख्याल रखें।
Reference
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4) Biggers, A., 2017. Medical News Today Iron deficiency anemia: Causes, symptoms, and management (2023).
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FAQ
आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया के लक्षण क्या हैं?
हर वक्त थकावट महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना या सांस फूलना, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, त्वचा का पाली पड़ना आदि आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया के लक्षण हैं।
महिलाओं में आयरन की कमी होने के क्या कारण हैं?
पीरियड्स में शरीर से खून बाहर निकलने के कारण महिलाओं एवं किशोरियों में आयरन की कमी हो सकती है। इसके अलावा डिलीवरी के दौरान बहुत ज्यादा रक्त की हानि होना भी आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया का खतरा पैदा कर सकता है।
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