स्तन कैंसर को लेकर सामने आये कुछ आंकड़ें सचमुच चिंता का विषय हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर एक कॉमन समस्या बन चुकी है और तकरीबन 14% महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण नजर आते हैं। साल 2020 में भारत में 1 लाख 78 हजार 361 स्तन कैंसर के मामले सामने आये थे, जिनमें से लगभग 90 हजार महिलाओं ने अपनी जान गवां दी थी। 30 साल के शुरुआती दौर में या फिर 50-64 साल की महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है।
क्या हैं स्तन कैंसर के लक्षण?
- स्तन में दर्द रहित गांठ बनना
- स्तन व उसके आसपास के हिस्से में सूजन होना
- स्तन व आसपास की त्वचा में जलन होना
- स्तन व उसकी आसपास की त्वचा का लाल हो जाना
- निप्पल का अंदर की तरफ धंसना
- निप्पल को छूने पर दर्द का एहसास होना
- निप्पल से तरल पदार्थ का निकलना (निप्पल डिस्चार्ज)
- स्तन के आकार में बदलाव होना
2020 में पूरे विश्व में 6 लाख से ज्यादा महिलाओं की जा चुकी है जान!
वैसे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में वैश्विक स्तर पर 6 लाख 85 हजार महिलाओं की मौत का कारण स्तन कैंसर था। वहीं 2.3 मिलियन महिलाएं स्तन कैंसर के लक्षण से पीड़ित पायी गयी थीं।
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पुरुषों में भी नजर आ सकते हैं स्तन कैंसर के लक्षण
ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि स्तन कैंसर सिर्फ महिलाओं में होने वाली बीमारी है लेकिन यह आधा सच है। पूरी सच्चाई तो यही है कि पुरुषों में भी स्तन कैंसर के लक्षण नजर आ सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 0.5-1% पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले पाये जाते हैं।
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पुरुषों में स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
वैसे महिलाओं और पुरुषों में स्तन कैंसर के लक्षणों में कोई खास अंतर नहीं है। पुरुषों में भी निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं
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- स्तन में गांठ व सूजन होना
- स्तन व आसपास का हिस्सा लाल हो जाना
- स्तन की त्वचा में जलन होना या गड्ढे पड़ना
- निप्पल डिस्चार्ज
- निप्पल को छूने पर दर्द होना
इन 3 रिस्क फैक्टर्स से करें बचाव
स्तन कैंसर के रिस्क फैक्टर्स कई सारे हैं। इनमें कुछ ऐसे जोखिम कारक शामिल हैं, जिसे बदलना व्यक्ति के हाथों में नहीं है जैसे- बढ़ती उम्र, आनुवंशिक कारण, जेनेटिक म्यूटेशन आदि। वहीं कुछ रिस्क फैक्टर्स ऐसे भी हैं, जिनसे बचाव किया जा सकता है
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1. जो महिलाएं शारीरिक गतिविधियां नहीं करती हैं, उनमें
स्तन कैंसर के लक्षण नजर आने का जोखिम ज्यादा रहता है। इसीलिए, इससे बचाव करते हुए महिलाओं को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिये।
2. मोटापा भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। व्यक्ति चाहे तो वो एक्सरसाइज व खानपान पर ध्यान देकर अपने वजन को नियंत्रित रख सकता है और स्तन कैंसर के जोखिम से बच सकता है।
3. शराब का सेवन भी स्तन कैंसर का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है। अब ये तो महिलाओं के हाथों में है कि उन्हें शराब पीना है या नहीं। खुद को शराब से दूर रखकर वे स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
महिला हो या पुरुष, दोनों ही अपने आपको
स्तन कैंसर के लक्षण से बचा सकते हैं। इस मामले में जरा सी लापरवाही व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
Reference
1. India Against Cancer, 2020. Cancer Statistics -
Available at:
3. Centers for Disease Control and Prevention, 2023.
Available at:
4. Centers for Disease Control and Prevention, 2023. What are the risk factors for breast cancer?
Available at:
पुरुषों में स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
स्तन में गांठ व सूजन होना, स्तन व आसपास के हिस्से का लाल हो जाना, स्तन की त्वचा में जलन होना या गड्ढे पड़ना, निप्पल डिस्चार्ज आदि लक्षण पुरुषों में स्तन कैंसर का संकेत हो सकते हैं।
स्तन कैंसर से बचाव कैसे संभव है?
कई ऐसे रिस्क फैक्टर्स हैं, जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ जोखिम कारकों से व्यक्ति स्वयं को बचा सकता है। इनमें नियमित रूप से व्यायाम करना, वजन को नियंत्रित रखना, शराब के सेवन से परहेज करना आदि शामिल हैं।
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