गर्भावस्था के दौरान इन कारणों से हो सकता है महिलाओं को रक्तस्राव!

 

रक्तस्राव:DocTubeBlog

गर्भावस्था के 9 महीने की अवधि एक महिला के लिए बहुत ही नाजुक समय होता है। इस दौरान गर्भवती महिला को अपना और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए। तभी वे गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं से खुद को और भ्रूण को बचा सकती हैं। जब एक महिला गर्भधारण करती है तो शुरुआत में उसे कई तरह की समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं में शामिल हैं (Ref)-

  • पीरियड्स मिस होना
  • मूड स्विंग होना 
  • थकान महसूस होना 
  • ब्रेस्ट में भारीपन और दर्द महसूस होना 
  • बार-बार पेशाब लगना  
  • खाने का स्वाद बदलना
  • फूड क्रेविंग या फूड एवरजन होना
इसके अलावा कुछ महिलाओं को प्रारंभिक गर्भावस्था में रक्तस्राव की समस्या भी हो सकती है। हालांकि प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान ऐसा होना बहुत आम है। अगर गर्भावस्था के कुछ समय बाद महिला को रक्तस्राव की समस्या होती है तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है (Ref) । आइए जानते हैं कि किन कारणों से गर्भावस्था के दौरान महिला को रक्तस्राव हो सकता है? 

पहली तिमाही में ब्लीडिंग होने का कारण

 कुछ महिलाओं को पहली तिमाही के दौरान हल्के रक्तस्राव हो सकते हैं। यह स्थिति गर्भावस्था के शुरुआत से लेकर 12 हफ्तों के दौरान हो सकती है। यह सर्वाइकल सेल्स में परिवर्तन के कारण हो सकता है। इस दौरान ब्लीडिंग होने के अन्य कारणों में शामिल हैं (Ref)

  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
  • गर्भपात 
  • किसी तरह का संक्रमण
  • जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिजीज (जीटीडी)

गर्भधारण के 20 सप्ताह के बाद ब्लीडिंग होने का कारण (Ref)

प्रेग्नेंट होने के 20 सप्ताह बाद रक्तस्राव होने के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
  • प्लेसेंटा प्रिविया
  • प्रीटर्म लेबर
  • गर्भाशय का फटना
  • सर्वाइकल एग्जामिनेशन 
  • प्लेसेंटल अब्रप्शन 
जब भी किसी महिला को गर्भावस्था के इन अवधी के दौरान ब्लीडिंग की समस्या होती है तो उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। तभी वे इसके सही कारणों का पता कर खुद को और अपने होने वाले बच्चे को आने वाली संभावित परेशानियों से बचा सकती हैं। डॉक्टर इसके कारण को सुनिश्चित करने के लिए कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इन परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं (Ref)

i) वजाइनल एग्जामिनेशन 

आपके गर्भाशय के आकार और रक्तस्राव की मात्रा की जांच करने के लिए योनि का परीक्षण किया जाता है। यह जांच कुछ मिनटों तक चलती है। यह थोड़ी असुविधाजनक हो सकती है।

ii) ब्लड टेस्ट

आपके ब्लड का प्रकार और, कभी-कभी, आपके रक्त में प्रेगनेंसी हार्मोन के स्तर की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।

iii) अल्ट्रासाउंड स्कैन

गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की स्थिति और और कई तरह की समस्या के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अल्ट्रासाउंड की जाती है। एक अल्ट्रासाउंड स्कैन में लगभग 15 से 20 मिनट का समय लगता है। 


ऊपर बताये गए जांचों को कराकर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान होने वाले रक्तस्राव के पीछे की सही वजह का समय रहते पता लगा सकती हैं। इसलिए जब भी किसी गर्भवती को ऐसी कोई समस्या हो तो इससे घबराएं नहीं और आवश्यक जाँच कराकर उचित उपचार करवाएं। 







  प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग होने का कारण क्या है?  
   

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, गर्भपात, किसी तरह का संक्रमण, जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिजीज आदि कारणों से महिला को पहली तिमाही में रक्तस्त्राव हो सकता है।

 
  प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने पर कौन सी जाँच की जाती है?  
   

प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने पर उसके कारणों का पता लगाने के लिए वजाइनल एग्जामिनेशन, ब्लड टेस्ट व अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जा सकता है।

 

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