Depression Meaning in Hindi- आप भी हो सकती हैं प्रसवोत्तर अवसाद का शिकार!
प्रसव एक कठिन और थका देने वाली प्रक्रिया है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला बहुत सारे हार्मोनल, शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों से गुजरती है। एक बच्चे का जन्म माँ के लिए उसकी पूरी दुनिया ही बदल देता है। यह एक ऐसा दौर है, जब एक महिला हंसना, रोना, भावुक होना व अन्य कई भावनाओं का अनुभव करती है। कुछ महिलाएं बच्चे की जिम्मेदारी, शरीर में होने वाले बदलाव व अन्य बातों से इतना ज्यादा परेशान हो जाती हैं कि उन्हें डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) से गुजरना पड़ता है। इसे ही प्रसवोत्तर अवसाद कहा जाता है।
सबसे पहले जानें क्या होता है डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi)?
इस बारे में गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से मनोचिकित्सक डॉ. सुनील पवार बताते हैं कि अवसाद (Depression) आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। इस दौरान व्यक्ति में उदास रहना, पसंदीदा काम को करने में रूचि न होना, थकावट, घबराहट, नकारात्मक विचारों का आना आदि लक्षण नजर आते हैं। डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) के कारण ऐसे लोगों के मन में कभी-कभी आत्महत्या का भी विचार आने लगता है। वहीं जब डिलीवरी के बाद महिलाएं उपर बताये गये लक्षणों का अनुभव करती हैं, तो उसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन यानी कि प्रसवोत्तर अवसाद कहा जाता है।
7 में से 1 महिला होती है प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) से पीड़ित!
एक अध्ययन के मुताबिक लगभग सात में से एक महिला प्रसवोत्तर अवसाद (पीपीडी) की चपेट में आ सकती है। बेबी ब्लूज़ का अनुभव करने वाली महिलाएं जल्दी ठीक हो जाती हैं। वहीं पीपीडी का असर लंबे समय तक रहता है और महिलाओं की सामान्य जीवन में लौटने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। पीपीडी मां और शिशु के बीच के रिश्ते पर भी असर डालता है। 2006 में बेक के अनुसार, नई माताओं में आधे से अधिक पीपीडी का निदान नहीं हो पाता। गोपनीयता और परिवार के करीबी सदस्यों को न बताने की चाह, माँ के डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) को बढ़ाने में मदद करती है।
अब जानें प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के प्रकार
प्रसवोत्तर अवसाद मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं:
1. बेबी ब्लूज़
प्रसव के बाद होने वाली उदासी और या बात-बात में आंसू निकलने की भावनाओं को "बेबी ब्लूज़" कहा जाता है। प्रसव के बाद पहले 2 हफ्तों में यह समस्या अपने आप कम हो जाती है।
2. प्रसवोत्तर मेजर डिप्रेशन
यह एक बेहद गंभीर स्थिति है। इसके लक्षण बहुत दिनों तक महिलाओं में नजर आते हैं। अगर यह डिप्रेशन गंभीर हो जाये, तो जीवन के लिए भी खतरा बन सकता है।
प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षण
इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ. संपदा अनवेकर बताती हैं कि छोटी-छोटी बातों पर रोना आना, नींद की कमी, चिड़ाचिड़ापन, थकान, भूख ना लगना या कम लगना, नकारात्मक या आत्महत्या का विचार आना, बच्चे का ध्यान रखने का मन न करना आदि प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षणों में शामिल हैं।
प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के रिस्क फैक्टर्स
मुख्य रूप से 4 ऐसे जोखिम कारक है, जो महिलाओं में प्रसवोत्तर अवसाद का खतरा बढ़ा सकते हैं-
1. मनोवैज्ञानिक
अवसाद और चिंता का इतिहास, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस), बच्चे के प्रति नकारात्मक रवैया, बच्चे के लिंग को लेकर चिंता और यौन शोषण का इतिहास प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का कारण बन सकता है।
2. प्रसूति संबंधी जोखिम कारक
जोखिम भरी गर्भावस्था, जिसमें आपातकालीन सिजेरियन सेक्शन या प्रेगनेंसी के दौरान अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आयी हो, प्रसवोत्तर अवसाद को जन्म दे सकते हैं। इसके अलावा अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स, समय से पहले बच्चे का जन्म एवं शिशु का वजम कम होना जैसे रिस्क फैक्टर्स भी महिला को डिप्रेशन (Depression Meaning in Hindi) का शिकार बना सकते हैं।
3. सामाजिक कारक
सामाजिक समर्थन की कमी प्रसवोत्तर अवसाद का कारण बन सकती है। पति-पत्नी के बीच यौन, शारीरिक या फिर मौखिक दुर्व्यवहार, घरेलू हिंसा व अन्य कई जोखिम कारक प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लिए जिम्मेदार होते हैं। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान भी पीपीडी विकसित होने का एक जोखिम कारक है।
4. जीवनशैली
खान-पान की आदतें, नींद का चक्र, शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम प्रसवोत्तर अवसाद को प्रभावित कर सकते हैं। नींद का पैटर्न अवसाद के जोखिम को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों में से एक है। यह स्पष्ट है कि नींद में कमी प्रसवोत्तर अवसाद से जुड़ी है। शारीरिक गतिविधि और व्यायाम करने से प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इससे आत्मविश्वास और समस्या सुलझाने की क्षमता भी बढ़ती है और माँ को अपने आसपास के माहौल पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
क्या प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज नहीं होना, शिशु पर असर डालता है?
इस विषय पर किये गये अध्ययन में यह पता चला है कि प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का असर शिशु पर भी पड़ता है। दरअसल, अवसाद से पीड़ित महिलाएं उस तरह बच्चे ख्याल नहीं रख पातीं, जिस तरह उन्हें रखना चाहिये और फिर बाद में इसका असर बच्चे के व्यवहार पर पड़ता है। ऐसे बच्चे दूसरे बच्चों के साथ ठीक से बातचीत नहीं कर पाते। इस बीमारी का असर बच्चों की सीखने की क्षमता पर भी पड़ सकता है। इसीलिए, समय रहते प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षणों की पहचान कर इलाज कराना बेहद आवश्यक है।
प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज क्या है?
प्रसवोत्तर अवसाद का उपचार लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। बेबी ब्लूज का असर 2 सप्ताह तक रहता है। इस अवस्था से महिलाएं जल्दी बाहर आ जाती हैं। हालांकि, अगर अवसाद के लक्षण ज्यादा गंभीर हों और अधिक समय तक बने रहें तो फिर सक्रिय उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में एंटीडिप्रेसेंट दवाईयां एवं काउंसलिंग की मदद से प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज किया जा सकता है।
यदि किसी महिला में बहुत गंभीर लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि आत्महत्या का विचार आना या अन्य, तो ऐसे में माँ और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे अस्पताल में रखने का निर्णय मनोचिकित्सक ले सकते हैं। अगर दवाईयां असर नहीं करती तो इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी से भी इस बीमारी का इलाज संभव है।
निष्कर्ष (Conclusion)
माँ बनना हर महिला के लिए बेहद खुशी का अनुभव होता है लेकिन कुछ महिलाएं विभिन्न कारणों से प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) की चपेट में आ जाती हैं। इसीलिए, प्रसव के बाद अगर किसी महिला के व्यवहार में बदलाव दिखे, वो ज्यादा उदास रहे या बच्चे का अच्छे से ख्याल रखने में असमर्थ नजर आये, तो तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
Reference
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प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षण क्या हैं?
छोटी-छोटी बातों पर रोना आना, नींद की कमी, चिड़ाचिड़ापन, थकान, भूख ना लगना या कम लगना, नकारात्मक या आत्महत्या का विचार आना, बच्चे का ध्यान रखने का मन न करना आदि प्रसवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षण हो सकते हैं।
सवोत्तर अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज क्या है?
प्रसवोत्तर अवसाद का उपचार लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर लक्षण हल्के हों, तो कुछ ही दिनो में महिलाएं सामान्य हो जाती हैं। अगर लक्षण गंभीर हों तो एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां, काउंसलिंग एवं इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
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