प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है और क्या है इसका निदान?

 

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है:DocTubeBlog


पुरुषों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का सबसे अहम हिस्सा है प्रोस्टेट ग्लैंड। कई बार कुछ कारणों से पुरुषों में मौजूद प्रोस्टेट ग्लैंड के टिश्यू बढ़ने लगते हैं। इसके कारण उनमें प्रोस्टेट का आकार भी बढ़ने लगता है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (Benign Prostatic Hyperplasia) या बीपीएच के नाम से जाना जाता है। 

पुरुषों में ये प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसके कारणों को लेकर वैसे तो कई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, अनियमित लाइफस्टाइल व अन्य कुछ कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं। 

एक अध्ययन के मुताबिक 60 साल की उम्र के बाद तकरीबन 50% पुरुष इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वहीं पूरे विश्व में 50 साल से कम उम्र के पुरुषों में 20 से 60% तक बीपीएच के मामले पाये जाते हैं। (Ref)


प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, ये समझने के बाद अब जानें इसके लक्षण

  • रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना
  • पेशाब करने के बाद भी फिर से वॉशरूम जाने का एहसास होना
  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब की धार का धीमा हो जाना
  • पेशाब कंट्रोल न कर पाना
  • पेशाब के बाद भी ड्रिपलिंग का जारी रहना
  • पेशाब करते वक्त दर्द का एहसास होना

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, जानने के लिए कराएं ये जाँच!

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसे समझने के साथ-साथ इसके निदान के तरीकों को भी समझना जरूरी है। उपर बताये गये लक्षण नजर आने पर व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। बीपीएच के निदान में चिकित्सक निम्नलिखित जाँच की प्रक्रिया अपना सकते हैं - 


1) ब्लड टेस्ट

ब्लड टेस्ट से बीपीएच का पता लगाया जा सकता है। इसके साथ ही मरीज का रिनल फंक्शन टेस्ट भी किया जाता है। इसमें किडनी से संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी ली जाती है।  (Ref)

2) डिजिटल रेक्टल परीक्षण

इस परीक्षण की मदद से प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार का पता लगाया जाता है। ग्रंथि का आकार कितना बढ़ा है, इसकी सटीक जानकारी डिजिटल रेक्टल परीक्षण से ही मिलती है। (Ref)

3) यूरिन टेस्ट

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज के यूरिन की भी जाँच की जाती है। इससे पेशाब में संक्रमण है या नहीं, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर व अन्य समस्याओं का पता लगाया जाता है। (Ref)


4) प्रोस्टेट स्पेसीफिक एंटीजन टेस्ट


पीएसए दव्र पौरुष ग्रंथि में तैयार होता है। अगर पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ता है तो शरीर में पीएसए का स्तर भी बढ़ जाता है। इसी स्तर का पता लगाने के लिए प्रोस्टेट स्पेसीफिक एंटीजन टेस्ट किया जाता है। (Ref)

5) यूरिनरी फ्लो टेस्ट

इसमें व्यक्ति को एक रिसेप्टेकल में पेशाब करने को कहा जाता है, जो मशीन से कनेक्टेड रहता है। इस मशीन की मदद से पेशाब की मात्रा और उसके धार की जाँच की जाती है। इससे ब्लैडर के खाली होने और फिर से भरने की प्रक्रिया पर भी ध्यान दिया जाता है। (Ref)

6) सिस्टोस्कोपी

ये एक फ्लेक्सिबल ट्यूब के जैसा उपकरण होता है। इसके एक सिरे पर कैमरा लगा होता है, जिससे ब्लैडर की अंदरूनी स्थिति की जाँच की जाती है। ब्लैडर कैंसर जैसी बीमारी के निदान के लिए भी इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। (Ref)


इसके अलावा भी चिकित्सक अन्य कुछ जाँच कर सकते हैं। प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है और इसके निदान से संबंधित जानकारी व्यक्ति के पास होना जरूरी है। तभी बीपीएच से छुटकारा पाना व्यक्ति के लिए संभव हो सकेगा।


FAQ

  किस उम्र मे बीपीएच की समस्या होती है?  
   

एक सर्वे के अनुसार 60 साल की उम्र के बाद तकरीबन 50% पुरुषों में बीपीएच के मामले पाये जाते हैं। वहीं पूरे विश्व में 50 साल से कम उम्र के पुरुषों में इस बीमारी की व्यापकता 20 से 60% तक है।

 
  बीपीएच के निदान के लिए कौन सी जाँच की जाती है?  
   

ब्लड टेस्ट, डिजिटल रेक्टल परीक्षण, यूरिन टेस्ट, प्रोस्टेट स्पेसीफिक एंटीजन टेस्ट एवं सिस्टोस्कोपी की मदद से बीपीएच का निदान किया जा सकता है।

 

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