Tuberculosis Meaning in Hindi: इन रिस्क फैक्टर्स से हो जाएं सावधान!



क्या आप जानते हैं साल 2022 में टीबी से कुल 1.3 मिलियन लोगों की मौत हुई थी (एचआईवी से पीड़ित 167,000 लोगों सहित)? इतना ही नहीं दुनियाभर में कोविड-19 (एचआईवी और एड्स से ऊपर) के बाद टीबी दूसरा प्रमुख जानलेवा संक्रामक रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी किये रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आये हैं, जो वाकई में डराने वाले हैं। संगठन की मानें तो साल 2022 में, दुनिया भर में अनुमानित 10.6 मिलियन लोग टीबी यानी क्षय रोग (Tuberculosis Meaning in Hindi) से पीड़ित पाए गए थे, जिनमें 5.8 मिलियन पुरुष, 3.5 मिलियन महिलाएं और 1.3 मिलियन बच्चे शामिल थे। 

इसका मतलब यही है कि यह संक्रामक रोग किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। इसीलिए, इस रोग से बचाव करना आवश्यक है और इसके लिए टीबी के रिस्क फैक्टर्स को जानना जरूरी है। साथ ही टीबी के लक्षण और उपचार को समझ लेना भी व्यक्ति के काम आ सकता है। सबसे पहले जानें यह रोग क्या होता है?

टीबी क्या होता है (Tuberculosis Meaning in Hindi)?

टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक कीटाणु के कारण होता है। यह एक क्रोनिक बीमारी है, जो शरीर में धीरे-धीरे विकसित होती है। फेफड़ों को यह बीमारी सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। इस बारे में कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ, डॉ. ध्रुवेंद्र पाण्डेय  बताते हैं कि ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis Meaning in Hindi) को 2 भागों में बांटा गया है- पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस। पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस लगभग 78 प्रतिशत और एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस तकरीबन 22 प्रतिशत लोगों में होता है। 

टीबी रोग के लक्षण (TB ke Lakshan in Hindi)

टीबी के निम्नलिखित लक्षण धीरे-धीरे व्यक्ति में विकसित होना शुरू होते हैं-
  1. 3 हफ्ते से ज्यादा वक्त तक खांसी रहना
  2. खांसते वक्त बलगम निकलना
  3. बलगम में खून आना
  4. बहुत ज्यादा थकावट होना 
  5. भूख न लगना 
  6. वजन कम होना 
  7. बच्चों के विकास में देरी
टीबी के लक्षण तुरंत नजर आये, यह जरूरी नहीं है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो संक्रमित होने के कुछ वर्षों बाद तब बीमार पड़ सकते हैं, जब किसी कारणवश उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाये। वहीं कभी-कभी संक्रमित होने के एक हफ्ते के अंदर टीबी के लक्षण (TB ke Lakshan in Hindi) मरीज में नजर आ सकते हैं। आंकड़ों की मानें तो लगभग 5 से 10% लोग जिन्हें छिपे हुए टीबी संक्रमण का इलाज नहीं मिलता है, उनमें पूरे जीवनकाल में यह बीमारी कभी न कभी सक्रिय हो सकती है।

टीबी (Tuberculosis Meaning in Hindi) के इन रिस्क फैक्टर्स को न करें नजरअंदाज

निम्नलिखित रिस्क फैक्टर्स किसी भी व्यक्ति को टीबी का शिकार बना सकते हैं- 
  • हाल ही में टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित होना
  • निम्नलिखित कारणों से प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना
    • एचआईवी संक्रमण (वह वायरस जो एड्स का कारण बनता है)
    • सिलिकोसिस
    • मधुमेह
    • गुर्दे की गंभीर बीमारी
    • कम वजन
    • सिर और गर्दन का कैंसर
    • चिकित्सीय उपचार जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या अंग प्रत्यारोपण
    • रुमेटाइड गठिया या क्रोहन रोग के लिए दिया गया विशेष उपचार
  • शिशुओं और छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अक्सर कमजोर होती है। एक बार टीबी के कीटाणुओं से संक्रमित होने पर बच्चों, विशेषकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में टीबी रोग (Tuberculosis Meaning in Hindi) विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

अधिक जोखिम वाले स्थान

टीबी के कीटाणुओं के संपर्क में आने का खतरा उन लोगों में अधिक होता है, जो:
  • उन देशों में जन्में हैं या अक्सर यात्रा करते हैं जहां टीबी आम है, जिनमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कुछ देश शामिल हैं।
  • उन जगहों पर काम कर रहे हैं जहां टीबी फैलने की संभावना अधिक है, जैसे अस्पताल, बेघर आश्रय (होमलेस शेल्टर), नर्सिंग होम आदि।

टीबी के लक्षण और उपचार के बारे में भी जानना है जरूरी

टीबी के लक्षण नजर आने पर छाती या शरीर का जो हिस्सा प्रभावित होता है, उसका एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, इकोकार्डियोग्राम या सीटी स्कैन किया जा सकता है। साथ ही बलगम के नमूने लेकर उसकी भी जाँच की जा सकती है। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र से ऊतक, कोशिकाओं या तरल पदार्थ का नमूना लेने के लिए बायोप्सी परीक्षण कराने की आवश्यकता हो सकती है। 

वहीं दूसरी तरफ, यदि व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं है लेकिन वह किसी टीबी पीड़ित के संपर्क में रहा हो, तो उसे मंटौक्स परीक्षण या रक्त परीक्षण कराना पड़ सकता है, ताकि उसे टीबी (Tuberculosis Meaning in Hindi) है या नहीं, इसकी पुष्टी की जा सके। 

टीबी के लक्षण और उपचार की अगर बात की जाये तो एंटीबायोटिक दवाइयां ही इसका सर्वश्रेष्ठ उपचार है। व्यक्ति की आयु, किस हिस्से में संक्रमण हुआ है एवं टीबी के प्रकार (लेटेंट या सक्रिय) के आधार पर दवाइयों की खुराक निर्धारित की जाती है। सामान्यत: इसके उपचार के लिए कम से कम 6 महीने तक एंटीबायोटिक दवाइयां लेने की सलाह दी जाती है। यदि टीबी (Tuberculosis Meaning in Hindi) मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या दिल के आसपास के क्षेत्र में फैल जाये, तो कुछ हफ्तों तक स्टेरॉयड युक्त दवा लेने की आवश्यकता होती है। वहीं टीबी है लेकिन कोई लक्षण नहीं हैं, तो ऐसे में 3 से 6 महीने तक एंटीबायोटिक लेना पड़ सकता है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

टीबी का इलाज और बचाव दोनों ही संभव है। जिन लोगों में इस बीमारी के लक्षण नजर आये, उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर आवश्यक जाँच करानी चाहिये। जितनी जल्दी यह बीमारी पकड़ में आयेगी, उसका इलाज करना उतना ही आसान होगा। इतना ही नहीं टीबी (Tuberculosis Meaning in Hindi) से बचाव के लिए बीसीजी वैक्सीन भी उपलब्ध है। 

FAQ

किन बीमारियों में टीबी रोग (Tuberculosis Meaning in Hindi) का खतरा बढ़ जाता है?

एचआईवी, सिलिकोसिस, मधुमेह, सिर और गर्दन का कैंसर, रूमेटाइड गठिया व अन्य बीमारियों में इम्यूनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसके कारण टीबी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल- टीबी के इलाज में कितने दिनों तक दवाइयां लेना जरूरी है?

व्यक्ति की आयु, किस हिस्से में संक्रमण हुआ है एवं टीबी के प्रकार (लेटेंट या सक्रिय) के आधार पर दवाइयों की खुराक निर्धारित की जाती है। आम तौर पर टीबी के उपचार के लिए कम से कम 6 महीने तक एंटीबायोटिक दवाइयां लेने की सलाह दी जाती है। वहीं टीबी है लेकिन कोई लक्षण नहीं हैं, तो ऐसे में 3 से 6 महीने तक एंटीबायोटिक लेना पड़ सकता है।

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