हार्ट ब्लॉकेज से बचाव है आपके हाथों में, बस फॉलो करें ये टिप्स

हार्ट ब्लॉकेज एक ऐसी अवस्था है, जहां दिल या तो बहुत धीमी गति से या फिर असामान्य लय के साथ धड़कता है। दरअसल, सामान्यत: व्यक्ति का हृदय एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। जब किसी कारणवश दिल की यही धड़कन धीमी हो जाती है, तब व्यक्ति का हार्ट ब्लॉक हो सकता है। यह एक जानलेवा बीमारी है, जिससे बचाव करना संभव है। जी हाँ, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाये, तो लंबे समय तक दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है और हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को टाला जा सकता है लेकिन उससे पहले इसके लक्षणों को जान लें- 

हार्ट ब्लॉकेज के शुरुआती लक्षण क्या हैं?


माइल्ड हार्ट ब्लॉकेज में ज्यादातर लोगों को खास लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। वहीं अगर यह समस्या ज्यादा गंभीर हो, तो व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण (Heart Blockage Symptoms in Hindi)  नजर आ सकते हैं- 
  • धीमी या अनियमित दिल की धड़कन
  • सांस लेने में कठिनाई1
  • चक्कर आना या बेहोशी
  • सीने में दर्द या बेचैनी
  • हृदय को शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने में परेशानी होने के कारण व्यायाम या परिश्रम करने में कठिनाई

हार्ट ब्लॉकेज के रिस्क फैक्टर्स जानें


हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के लिए इसके रिस्क फैक्टर्स को समझना जरूरी है। दरसअल, बढ़ती उम्र, पारिवारिक इतिहास आदि ऐसे कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं2, जिनसे बचाव करना व्यक्ति के हाथों में नहीं है लेकिन इसके अलावा कई ऐसे जोखिम कारक हैं, जिनसे स्वयं को बचाकर व्यक्ति हार्ट ब्लॉकेज जैसी जानेलवा परिस्थिति से बच सकता है। इनमें शामिल हैं हाई बीपी (उच्च रक्तचाप), डायबिटीज (मधुमेह), कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होना, धूम्रपान आदि3। आइये जानते हैं इन रिस्क फैक्टर्स से बचाव का तरीका- 

हार्ट ब्लॉकेज के रिस्क फैक्टर्स से बचाव के लिए उठाएं ये कदम


  1. बीपी को नियंत्रित रखें- उच्च रक्तचाप हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। रक्तचाप की नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है। अधिकांश वयस्कों के लिए वर्ष में कम से कम एक बार और जिन्हें हाई बीपी है, उन्हें ज्यादा बार बीपी की जाँच करानी चाहिये। बीपी को नियंत्रित रखने से दिल मजबूत और स्वस्थ रहता है4। 
  2. अपने कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कंट्रोल करें- कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है। इससे कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट ब्लॉकेज व हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इसीलिए, जरूरी है खानपान पर ध्यान दिया जाये और जीवनशैली में आवश्यक बदवाल किये जाएं। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लेना भी आवश्यक है। इसके अलावा ट्राइग्लिसराइड्स रक्त में वसा का एक अन्य प्रकार होता है। ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर कोरोनरी धमनी रोग का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर महिलाओं में। इसीलिए, इसके स्तर को नियंत्रित रखना जरूरी है।
  3. डायबिटीज को मैनेज करें-  मधुमेह रोगियों में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण माना जाता है। मधुमेह के कारण रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, इस बीमारी को नियंत्रित करना जरूरी है ताकि हार्ट ब्लॉकेज समेत अन्य हृदय संबंधी बीमारियों से बचा जा सके5। 
  4. धूम्रपान से बचें- सिगरेट पीने से रक्तचाप बढ़ जाता है, जिसकी वजह से दिल का दौरा एवं स्ट्रोक का खतरा पैदा हो सकता है। वहीं अगर इसके सेवन को बंद कर दिया जाये, तो सिर्फ हृदय रोग ही नहीं बल्कि अन्य कई बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। 
  5. वजन को करें कंट्रोल-  अधिक वजन या मोटापा होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर, हाई बीपी व डायबिटीज सहित अन्य हृदय रोग के जोखिम कारकों से जुड़े हुए होते हैं। वजन को नियंत्रित करने से ये जोखिम कम हो सकते हैं।
  6. हेल्दी डाइट लें- संतृप्त वसा, उच्च सोडियम (नमक) वाले खाद्य पदार्थ और अतिरिक्त शर्करा को सीमित करने का प्रयास करें। इसके बजाय ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। शोधों के अनुसार प्लांट-फूड बायोएक्टिव डेरिवेटिव हार्ट ब्लॉकेज से बचाव में मदद करते हैं6। 
  7. नियमित शारीरिक गतिविधियां करें-  नियमित शारीरिक गतिविधियां करने से शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है। इससे न सिर्फ वजन कंट्रोल में रहता है बल्कि बीपी, डायबिटीज व अन्य बीमारियों का जोखिम भी कम होता है। 
  8. शराब का सेवन सीमित करें-  बहुत अधिक शराब पीने से रक्तचाप बढ़ सकता है। इसमें अतिरिक्त कैलोरी भी शामिल होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। ये दोनों ही कारण हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को बढ़ाते हैं। इसीलिए, शराब न पीना ही बेहतर है, लेकिन इसके बाद भी अगर पुरुष शराब पीते हैं, तो हर रोज 2 ड्रिंक और महिलाएं 1 ड्रिंक से ज्यादा न लें।
  9. तनावमुक्त रहें-  तनाव कई तरह से हृदय रोग से जुड़ा हुआ है। अत्यधिक तनाव हार्ट ब्लॉकेज को ट्रिगर कर सकता है। इसीलिए, जरूरी है व्यक्ति तनावमुक्त रहे। तनाव को प्रबंधित करने के कुछ तरीकों में व्यायाम, संगीत सुनना, किसी शांत या शांतिपूर्ण चीज़ पर ध्यान केंद्रित करना, मेडिटेशन करना आदि शामिल है। 
  10. पर्याप्त नींद लें- पर्याप्त नींद नहीं लेने से उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ये तीनों बीमारियां हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती हैं। इसीलिए, हर व्यक्ति को रोजाना  7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिये। 

निष्कर्ष (Conclusion)

हार्ट ब्लॉकेज एक ऐसी परेशानी है, जो धीरे-धीरे विकसित हो सकती है। कई बार तो जब तक यह गंभीर न हो जाये, तब तक लक्षण नजर नहीं आते और जब लक्षण (Heart Blockage Symptoms in Hindi) दिखाई देते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसीलिए, यह जरूरी है कि हर व्यक्ति शुरू से ही सावधानी बरते। 

FAQ

हार्ट ब्लॉकेज के किन रिस्क फैक्टर्स को बदला नहीं जा सकता?

उम्र, परिवार में हृदय रोग का इतिहास या फिर लिंग जैसे रिस्क फैक्टर्स हार्ट ब्लॉकेज का खतरा बढ़ा सकते हैं, जिन्हें बदलना व्यक्ति के हाथों में नहीं है।

हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए कितने घंटे की नींद लेनी चाहिये?

पर्याप्त नींद नहीं लेने से उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ये तीनों चीजें हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती हैं। इसीलिए, हर व्यक्ति को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिये।