महिला और पुरुष में अलग-अलग हो सकते हैं ल्यूपस (sle disease) के लक्षण!

ल्यूपस (sle disease) एक ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण पूरे शरीर में नजर आ सकते हैं।  शोधों के अनुसार महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है। इतना ही नहीं महिला और पुरुष दोनों में इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। ये लक्षण हल्के हो सकते हैं या जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। इसीलिए, इस बीमारी से जुड़ी हर अहम बातों को जानना जरूरी है।

सबसे पहले समझें ल्यूपस क्या होता है?

ल्यूपस एक ऑटोइम्यून बीमारी (SLE Autoimmune Disease) है यानी यह तब होती है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही स्वस्थ ऊतकों को नष्ट करना शुरू कर देती है। सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (Systemic Lupus Erythematosus) सबसे कॉमन है और अक्सर इसी बीमारी को समझाने के लिए ल्यूपस शब्द का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इस रोग के अन्य प्रकार भी हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं।  

ल्यूपस (sle disease) में नजर आते हैं ये लक्षण

इस बीमारी में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जिनमें शामिल हैं-
  • बहुत ज्यादा थकान 
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
  • नाक और गालों पर लाल दाने
  • सिर दर्द
  • बालों का झड़ना
  • मुँह में छाले
  • वजन घटना
  • सीने में दर्द
  • पेट में दर्द
  • अवसाद (डिप्रेशन)
  • सीने या पेट में दर्द
ल्यूपस

कई बार महिला और पुरुष में ल्यूपस डिजीज के लक्षण अलग-अलग नजर आते हैं।

महिलाओं में नजर आने वाले कॉमन लक्षण

  • बालों को झड़ना
  • आर्थराइटिस (गठिया)
  • सूर्य के किरणों के प्रति संवेदनशीलता
  • मुँह में छाले
  • नाक और गालों पर लाल चकत्ते 

पुरुषों में नजर आने वाले कॉमन लक्षण

  • सीने में दर्द
  • वजन घटना
  • किडनी संबंधी समस्याएं
  • हृदय संबंधी जटिलताएँ
  • खून की कमी

कई अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है ल्यूपस (sle disease) 

ल्यूपस डिजीज शरीर के विभिन्न अंगों पर असर डालता है और उसके अनुसार व्यक्ति में अलग-अलग परेशानियां भी दिखाई देती हैं।
  • हृदय- सीने में दर्द ल्यूपस के लक्षणों में शामिल है। इतना ही नहीं, इसके कारण मायोकार्डिटिस, एंडोकार्डिटिस व अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • किडनी- किडनी में तकलीफ होने के कारण पैरों में सूजन, बार-बार पेशाब आना व उच्च रक्तचाप जैसी मुश्किलें नजर आती हैं।
  • फेफड़े- ल्यूपस (sle disease) के कारण निमोनिया, प्लूरिसी, सांस लेने में तकलीफ व अन्य फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
  • रक्त- ल्यूपस रक्त संरचना को प्रभावित कर सकता है, जिससे एनीमिया, ल्यूकोपेनिया या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया जैसी गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं।
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र: ल्यूपस केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर भी असर डालता है। इसके कारण सिरदर्द, दौरा पड़ना एवं यहां तक कि व्यक्ति को स्ट्रोक भी हो सकता है। वहीं ल्यूपस सेरेब्राइटिस नामक स्थिति सोचने में कठिनाई, मूड में बदलाव, सुस्ती एवं कोमा का कारण बन सकती है।

ल्यूपस (sle disease) का पता लगाने के लिए की जाने वाली जाँचें

ल्यूपस का निदान करना थोड़ा कठिन होता है क्योंकि इसके लक्षण अन्य बीमारियों में नजर आने वाले लक्षणों की तरह ही हो सकते हैं। ऐसी अवस्था में रक्त परीक्षण किया जा सकता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि ल्यूपस (sle disease) के कारण हृदय, गुर्दे या अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं, तो ऐसे में वे एक्स-रे और अन्य स्कैनिंग परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं।

कैसे होता है ल्यूपस (sle disease) का इलाज?

ल्यूपस के उपचार में शामिल हैं:
  • इबुप्रोफेन जैसी एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाइयां
  • थकान एवं त्वचा व जोड़ों की समस्याओं के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
  • किडनी में सूजन और शरीर पर होने वाले रैशेज के लिए स्टेरॉयड युक्त गोलियां, इंजेक्शन और क्रीम
अगर ल्यूपस डिजीज गंभीर रूप ले ले, तो इस अवस्था में कभी-कभी इम्यूनोसप्रेसेन्ट या जैविक दवाइयों का उपयोग किया जाता है। इससे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

ल्यूपस (sle disease)  होने पर क्या करें और क्या न करें?

वैसे तो दवाइयों की मदद से ल्यूपस को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन इसके अलावा भी अन्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है- 

करें ये काम

  • उच्च फैक्टर वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें और धूप में टोपी पहनें
  • स्वयं को बहुत ज्यादा थकने से बचाएं
  • तनावमुक्त रहने की कोशिश करें क्योंकि इससे ल्यूपस के लक्षण गंभीर हो सकते हैं
  • परेशानी होने पर परिवार, दोस्तों और डॉक्टरों को इस बारे में बताएं
  • विटामिन डी और कैल्शियम युक्त संतुलित आहार लें

न करें ये काम

  • धूम्रपान ल्यूपस (sle disease) को बदतर बना देता है, इसलिए धूम्रपान न करें 
  • सीधे धूप के संपर्क में न जाएं 

निष्कर्ष (Conclusion)

अक्सर लोग ल्यूपस (sle disease) के लक्षणों को कोई और बीमारी समझकर इस पर ध्यान नहीं देते। ऐसा न करें। जब बीमारी ज्यादा गंभीर न हो, तभी इलाज करा लेना बेहतर है वरना मुसीबत बढ़ सकती है। 

FAQ

ल्यूपस के लक्षण क्या हैं?

बहुत ज्यादा थकान, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, नाक और गालों पर लाल दाने, सिर दर्द, बालों का झड़ना, मुँह में छाले, वजन घटना आदि ल्यूपस के लक्षण हो सकते हैं।

ल्यूपस शरीर के किन-किन अंगों पर असर डाल सकता है?

ल्यूपस हार्ट, किडनी, फेफड़े, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, रक्त की नलियों आदि को नुकसान पहुँचा सकता है।

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