जानें क्या है एंजियोप्लास्टी और इसके फायदे?

 

विकसित देशों में मृत्यु का प्रमुख कारण हृदय रोग को माना जाता है। दिल का दौरा या मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एमआई) कोरोनरी धमनी में रुकावट के कारण पैदा होने वाली एक जानलेवा स्थिति है, जिससे इलाज पहले संभव नहीं था लेकिन अब एंजियोप्लास्टी जैसी आधुनिक प्रक्रिया की मदद से व्यक्ति को नयी जिंदगी दी जा सकती है। इसे प्राइमरी परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहा जाता है। हार्ट अटैक के उपचार के लिए एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) को फर्स्ट लाइन थेरेपी के रूप में जाना जाता है1। 

एंजियोप्लास्टी क्या होती है?

एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है, जो संकीर्ण या अवरुद्ध हो चुकी धमनियों को खोल देती है। एक बात ध्यान में रखें कि यह कोई बड़ी सर्जरी नहीं है और ना ही इसमें दिल या उसके आसपास कोई चीरा लगाया जाता है2।

इस प्रक्रिया से पहले मरीज की आवश्यक जाँचें की जाती हैं। सबसे पहले इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) किया जाता है, जिसमें इस्किमिया या हार्ट अटैक के संकेत नजर आते हैं। इसके अलावा डॉक्टर ट्रेडमिल स्ट्रेस परीक्षण या फार्माकोलॉजिकल स्ट्रेस परीक्षण का आदेश दे सकता है, जिसमें व्यायाम की आवश्यकता नहीं होती है। ये परीक्षण भी ईसीजी पर इस्किमिया का प्रमाण दिखा सकते हैं।

सीएडी (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) के निदान का सर्वोत्तम तरीका कोरोनरी एंजियोग्राफी है। यह परीक्षण लोकल एनेस्थीसिया की मदद से किया जाता है। इसमें ट्यूब (कैथेटर) के माध्यम से कोरोनरी धमनियों में एक्स-रे डाई (कंट्रास्ट माध्यम) को इंजेक्ट किया जाता है, जबकि एक्स-रे कैमरा ब्लड फ्लो पैटर्न की एक फिल्म बनाता है, जिससे ब्लॉकेज के सही स्थान और गंभीरता का पता चलता है। 

कोरोनरी एंजियोग्राफी की रिपोर्ट के आधार पर इलाज के विकल्प का चुनाव किया जाता है, जिनमें एंजियोप्लास्टी, एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग (Angioplasty Stent) एवं बाईपास सर्जरी शामिल है।

एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty Surgery) कैसे की जाती है?

  • इस प्रक्रिया में मरीज को रिलैक्स करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं। इसके पश्चात कमर या हाथ में चिकित्सक द्वारा निर्धारित जगह को सुन्न कर दिया जाता है और फिर धमनी में कैथेटर को प्रवेश कराया जाता है।
  • इस कैथेटर की टिप पर छोटा सा गुब्बारा लगा रहता है, जिसे ब्लॉक हो चुकी धमनी तक पहुँचाया जाता है
  • ब्लॉक हो चुकी धमनी तक गुब्बारे के पहुँचने पर उसे फुलाया जाता है और इसकी सहायता से धमनी में जमे प्लाक को हटाया जाता है ताकि रूके हुए रक्त का प्रवाह फिर से शुरू हो सके। जरूरत पड़ने पर यह प्रक्रिया एक से ज्यादा बार की जा सकती है।
  • कुछ मामलों में इस गुब्बारे के उपर स्टेंट लगा दिया जाता है। फिर इस स्टेंट को धमनियों की दीवारों पर इस तरह लगाया जाता है, जिससे ब्लॉक हो चुकी धमनियों को खोलने में मदद मिले3।
  • जब ब्लॉक हो चुकी धमनी खुल जाती है, तब गुब्बारे और कैथेटर को बाहर निकाल दिया जाता है। 

एंजियोप्लास्टी के फायदे

ज्यादातर मामलों में, एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी धमनियों के माध्यम से रक्त प्रवाह में सुधार होता है। दिल का दौरा पड़ने पर क्लॉट-बस्टिंग दवा (थ्रोम्बोलिसिस) की तुलना में एंजियोप्लास्टी व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना को और अधिक बढ़ा सकती है। यह प्रक्रिया भविष्य में दोबारा दिल का दौरा पड़ने की संभावना को भी कम कर सकती है।

इसके अलावा-
  • एंजियोप्लास्टी में किसी तरह के कट की जरूरत नहीं होती है। 
  • इस प्रक्रिया में मरीज को कम दर्द का एहसास होता है।
  • कई लोग उसी दिन से चलना-फिरना शुरू कर देते हैं। 
  • ज्यादातर लोगों को एंजियोप्लास्टी कराने के बाद अगले दिन ही छुट्टी दे दी जाती है यानी उन्हें ज्यादा वक्त अस्पताल में नहीं बिताना पड़ता है।  

एंजियोप्लास्टी के बाद ठीक होने में कितना वक्त लगता है?

जब एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तब हृदय रोग विशेषज्ञ कैथेटर और पट्टियाँ हटा देते हैं। हालांकि, उस हिस्से के आसपास दर्द, चोट लगना या रक्तस्राव की समस्या आम है, जहां से कैथेटर शरीर में प्रवेश कराया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज को 1 रात अस्पताल में रखा जाता है और फिर सब ठीक रहने पर मरीज अगले दिन अपने घर जा सकता है लेकिन हाँ, ऐसी अवस्था में डॉक्टर के निर्देश का पालन करना और निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है-  

  • तकरीबन 1 सप्ताह तक मरीज को किसी भी तरह की भारी गतिविधियां करने से  बचना चाहिये। 
  • एंजियोप्लास्टी के बाद हार्ट हेल्थ के लिए खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसी अवस्था में तला-भुना और वसायुक्त भोजन के सेवन से बचना चाहिये। इस मामले में डॉक्टर की सलाह के अनुसार डाइट प्लान फॉलो करना चाहिये। बाहर के खाने से पूरी तरह परहेज और संतुलित आहार का सेवन जल्दी रिकवरी में मदद करता है। अतिरिक्त नमक और चीनी के सेवन से भी बचना आवश्यक है। 
  • शराब और धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिये6।
  • पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी चाहिये। मरीज जितना ज्यादा आराम करेगा, उसकी रिकवरी उतनी जल्दी होगी।
  • तनाव से बिल्कुल दूर रहना चाहिये।
  • एक सप्ताह तक ड्राइविंग नहीं करनी चाहिये और इस मामले में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिये।
  • डॉक्टर की सलाह पर शुरुआत में हल्का-हल्का व्यायाम किया जा सकता है और फिर धीरे-धीरे एक्सरसाइज करने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिये।
  • समय पर दवाइयां लेना और नियमित रूप से चेकअप कराना बेहद आवश्यक है।

निष्कर्ष (Conclusion)


एंजियोप्लास्टी एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसका उपयोग डॉक्टर अवरुद्ध धमनियों को खोलने और हृदय में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। हृदय की गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए डॉक्टर अक्सर एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह देते हैं। यह आम तौर पर एक सुरक्षित प्रक्रिया है। हालांकि, धमनियां फिर से अवरुद्ध हो सकती हैं और इससे कुछ परेशानियां भी पैदा होती हैं लेकिन ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखा जाता है। फिलहाल, कई मामलों में इस प्रक्रिया की मदद से लोगों की जान बचायी जा चुकी है। इसीलिए, इसे एक सफल प्रक्रिया माना जाता है। 

FAQ

एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज को कितने दिन अस्पताल में रहना पड़ता है?

एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज को ज्यादा वक्त अस्पताल में नहीं रहना पड़ता है। ज्यादातर मामलों में सर्जरी के कुछ घंटे या 1 दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।

क्या एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में दर्द होता है?

एंजियोप्लास्टी एक दर्द रहित प्रक्रिया है। इसमें कोई बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता है, इसीलिए मरीज को ज्यादा दर्द का एहसास नहीं होता है।

No comments

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Powered by Blogger.