पीरियड्स में खून के थक्के आना क्या चिंता की बात है? (Period Me Blood Ka Thakka Aana)

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पीरियड्स (Period in Hindi) यानी माहवारी एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें महिला की योनि से ब्लीडिंग यानी रक्तस्त्राव होता है। इस दौरान खून के छोटे-छोटे थक्के भी निकलते हैं, जो चिंता का विषय नहीं होते हैं। हाँ, अगर इन थक्कों का आकार अंगुर से बड़ा है, तब चिंता करने की जरूरत है क्योंकि ये सामान्य नहीं है। बहुत अधिक ब्लीडिंग होने के कारण खून के बड़े थक्के निकल सकते हैं और ये लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। 

पीरियड्स में खून के थक्के निकलने के लक्षण (Symptoms of Blood clots during periods)

बार-बार खून के थक्के निकलना, थक्कों का आकार एक चौथाई से बड़ा होना, हर घंटे पैड या टैम्पोन बदलना और इस दौरान बहुत तेज दर्द होना आदि लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। 

पीरियड्स में खून में थक्के किन कारणों से आते हैं? (What are the reasons for blood clots during periods?)

नीचे बताये गये कुछ कारण इस परेशानी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं-

गर्भाशय में रुकावट (यूट्राइन ऑब्सट्रक्शन / Ureteral Obstruction) - गर्भाशय में रुकावट रक्त को सामान्य रूप से तेजी से बाहर नहीं निकलने देती, जिसके कारण रक्त धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकलता है और ऐसे में रक्त के एकत्रित होने और थक्के बनने की आशंका बढ़ जाती है। रुकावट के कारण भारी ब्लीडिंग भी हो सकती है, जिसके कारण ज्यादा थक्के बन सकते हैं। 

यूट्राइन फाइब्रॉएड - ये ट्यूमर गर्भाशय की दीवार के अंदर या बाहर की तरफ बढ़ते हैं और गैर कैंसरयुक्त होते हैं। इसके कारण पीरियड्स (Period) में सामान्य से अधिक रक्तस्त्राव होता है, जिसके कारण खून के थक्के निकल सकते हैं। 

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) - यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की परत के ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। ऐसे में माहवारी के दौरान महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसमें भारी ब्लीडिंग, दर्द और ब्लड क्लॉट बनना जैसे लक्षण शामिल हैं। 

एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) - इस बीमारी में गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) से ऊतक गर्भाशय की दीवार पर बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण पीरियड्स (Period) के दौरान दर्द, भारी रक्तस्त्राव व रक्त के थक्के बनना जैसे लक्षण पैदा होते हैं। 

बढ़ा हुआ गर्भाशय - प्रेगनेंसी के बाद अक्सर महिला के गर्भाशय का आकार पहले की तुलना में कुछ बड़ा हो जाता है। फाइब्रॉएड जैसी बीमारियां भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। गर्भाशय का आकार बड़ा होने के कारण रक्त को जमा होने के लिए अतिरिक्त जगह मिलती है, जिससे शरीर से बाहर निकलने से पहले रक्त का थक्का बन सकता है। 

गर्भपात या मिसकैरेज - गर्भपात या मिसकैरेज होने पर भी खून के थक्के निकलते हैं। कभी-कभी महिला को पता ही नहीं चलता कि वो गर्भवती है और ऐसे में मिसकैरेज के कारण ब्लीडिंग होने पर वो उसे पीरियड (Period) समझने की गलती कर सकती है।  

हार्मोनल असंतुलन - गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर में हार्मोन का संतुलन आवश्यक है। अगर हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो भारी मासिक धर्म या थक्के जमने सहित कई समस्याएं हो सकती हैं।

रक्तस्राव विकार (Bleeding Disorders) - कुछ ब्लीडिंग डिसऑर्डर पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्त्राव के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और इसके कारण खून के थक्के बन सकते हैं।

पीरियड्स में खून में थक्कों का निदान और इलाज Diagnosis and treatment of blood clots during periods

माहवारी में ब्लड क्लॉट की जाँच कराना जरूरी है। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर ब्लड टेस्ट या अन्य इमेजिंग परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्प मौजूद हैं-

आयरन की गोलियां - पीरियड (Period) में भारी रक्तस्त्राव या खून के बड़े-बड़े थक्के निकलने के कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है और महिला एनीमिया का शिकार हो सकती हैं। इसके इलाज के लिए आयरन की गोलियां दी जाती हैं।

हार्मोनल दवाइयां - हार्मोन को संतुलित करने और भारी रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए हार्मोनल दवाइयों की मदद ली जा सकती है। बर्थ कंट्रोल पिल्स व प्रोजेस्टिन युक्त  इंट्रायूट्राइन डिवाइस (आईयूडी) आदि की मदद से रक्त के प्रवाह को कम किया जा सकता है।

नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) -  ऐंठन, दर्द और बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने जैसे लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर एनएसएआईडी लेने की सलाह दे सकते हैं। 

सर्जरी - डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी और सी) का उपयोग निदान या अस्थायी राहत के लिए किया जा सकता है, जबकि मायोमेक्टॉमी या हिस्टेरेक्टॉमी से फाइब्रॉएड जैसी स्थितियों का समाधान किया जा सकता है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

जो महिलाएं पीरियड (Period) में खून के थक्के जैसे लक्षणों का सामना कर रही हैं, वे इसे हल्के में न लें। एक बार अपनी जाँच जरूर कराएं ताकि समय रहते परेशानी का पता चल सके और इलाज में देरी न हो। 

FAQ

पीरियड्स (Period) में खून के थक्के निकलना क्या किसी बीमारी का संकेत है?

पीरियड्स (Period) में खून के थक्के निकलना बीमारियों का संकेत हो सकता है। इनमें यूट्राइन फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, एडिनोमायोसिस व अन्य शामिल हैं।

पीरियड्स (Period) में खून के थक्के निकलने पर कौन-कौन सी दवाइयां दी जाती हैं?

पीरियड्स में खून के थक्के निकलने पर महिला एनीमिया का शिकार हो सकती हैं। इससे राहत पाने के लिए उन्हें आयरन की गोलियां दी जाती हैं। इसके अलावा लक्षणों से राहत पाने के लिए हार्मोनल दवाइयां या नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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