एसजीओटी टेस्ट : नॉर्मल रेंज, प्रक्रिया व महत्व
एसजीओटी टेस्ट1 (SGOT Test), जिसे एस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़ (Aspartate Aminotransferase - AST) टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का रक्त परीक्षण है। यह टेस्ट शरीर में एसजीओटी इंजाइम की मात्रा का पता लगाता है। यदि शरीर में एसजीओटी का स्तर बढ़ा हुआ पाया जाता है, तो यह किसी अंग विशेष, खासकर लीवर की समस्याओं का संकेत दे सकता है।
एसजीओटी टेस्ट क्या है? (SGOT Test Kya Hai)
एसजीओटी टेस्ट दो लीवर इंजाइमों (एसजीओटी और एसजीपीटी) में से एक को मापता है। लीवर के अलावा एसजीओटी इंजाइम मस्तिष्क, हृदय, किडनी और मांसपेशियों में भी पाया जाता है।
एसजीओटी परीक्षण का उद्देश्य2
लीवर, शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होता है। लीवर के कार्य का आकलन करने के लिए, डॉक्टर लीवर इंजाइमों के लिए दो विश्लेषणात्मक परीक्षण करवाते हैं -
- सीरम ग्लूटामिक-ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेज़ (एसजीओटी)
- सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसअमिनेज़ (एसजीपीटी)
एसजीओटी और एसजीपीटी इंजाइम आमतौर पर लीवर के भीतर निहित होते हैं। हालाँकि, जब विभिन्न कारकों, जैसे गतिहीन या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण लीवर को नुकसान होता है, तो ये इंजाइम रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। इस उपस्थिति की पहचान एसजीओटी/एसजीपीटी परीक्षण (sgot sgpt test) के माध्यम से की जा सकती है। इंजाइम के स्तर को मापने के लिए लीवर फंक्शन टेस्ट किया जाता है। इन इंजाइमों का स्तर तय सीमा से अधिक होना लीवर क्षति का संकेत दे सकता है।
एसजीओटी का सामान्य स्तर (Normal Range of SGOT)
एसजीओटी परीक्षण की सामान्य सीमा (sgot normal range) आमतौर पर 8 से 45 यूनिट प्रति लीटर सीरम के बीच होती है। पुरुषों के लिए यह सीमा (sgot kitna hona chahiye) 10 से 40 यूनिट/लीटर, महिलाओं के लिए 9 से 32 यूनिट/लीटर व बच्चों में 10 से 40 यूनिट/लीटर के बीच होती है। हालांकि, एसजीओटी की सामान्य सीमा प्रयोगशाला में उपयोग की जाने वाली तकनीक के अनुसार थोड़ी अलग हो सकती है।
एसजीओटी स्तर कम होने के कारण (Causes of Low SGOT Level)
सामान्य से कम एसजीओटी स्तर विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- आनुवंशिक स्थितियां
- हृदय के रोग
- किडनी की बीमारियाँ
- विटामिन की कमी
एसजीओटी स्तर ज्यादा होने के कारण (Causes of High SGOT Level)
एसजीओटी उच्च स्तर कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे:
- लीवर सिरोसिस
- क्रोनिक हेपेटाइटिस
- लीवर को होने वाले नुकसान
- लीवर कैंसर
- हृदय, किडनी, हड्डियों या मांसपेशियों को नुकसान
एसजीओटी टेस्ट का महत्व
एसजीओटी टेस्ट का मुख्य उद्देश्य लीवर और अन्य अंगों के स्वास्थ्य का आकलन करना है। यह टेस्ट निम्नलिखित स्थितियों में विशेष रूप से सहायक होता है:
1. लीवर की समस्याओं का पता लगाना:
- हेपेटाइटिस (वायरल या अन्य प्रकार का)
- सिरोसिस
- लीवर डैमेज
2. हृदय रोगों का निदान: जब हृदय की मांसपेशियों को किसी प्रकार की क्षति होती है, जैसे हार्ट अटैक, तो एसजीओटी का स्तर बढ़ जाता है।
3. दवाओं के प्रभाव का मूल्यांकन: कुछ दवाएं लीवर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इस टेस्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि दवाओं के कारण लीवर को नुकसान तो नहीं पहुंच रहा।
4. मांसपेशियों और टिश्यू डैमेज: एसजीओटी का स्तर मांसपेशियों की चोट या क्षति में भी बढ़ सकता है।
एसजीओटी टेस्ट की प्रक्रिया
एसजीओटी टेस्ट एक साधारण रक्त परीक्षण है जिसे किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती।
परीक्षण की प्रक्रिया3:
1. ब्लड सैंपल कलेक्शन:
- स्वास्थ्यकर्मी एक नस से ब्लड सैंपल लेते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर बांह की नस से होती है।
- रक्त को एक ट्यूब में इकट्ठा किया जाता है और लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।
2. समय:
- यह प्रक्रिया 5-10 मिनट में पूरी हो जाती है।
- रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे के भीतर उपलब्ध होती है।
टेस्ट के लिए तैयारी:
- इस टेस्ट के लिए आमतौर पर कोई विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती।
- यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें, क्योंकि कुछ दवाएं टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
- इसके लिए खाली पेट रहने की आवश्यकता हो सकती है। टेस्ट के पहले इसका पता लगा लें।
कब करवाना चाहिए यह टेस्ट?3
आज के समय के खानपान और जीवनशैली लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब लीवर क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इससे उत्पन्न होने वाले इंजाइम रक्तप्रवाह में लीक हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप रक्त में इन इंजाइमों का स्तर बढ़ जाता है। यह टेस्ट तब करवाएं जब -
- आपको लीवर से संबंधित लक्षण हों, जैसे - थकान, पेट दर्द, त्वचा या आंखों का पीला पड़ना (जॉन्डिस) या गहरे रंग का मूत्र आना।
- हृदय रोगों के लक्षण, जैसे - सीने में दर्द व सांस लेने में कठिनाई
- लंबे समय तक दवाओं का सेवन कर रहे हों तब।
एसजीओटी को नियंत्रित रखने के उपाय
- स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन का सेवन करें। फैटी और तले हुए भोजन से बचें।
- शराब का सेवन न करें: शराब लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे एसजीओटी का स्तर बढ़ सकता है।
- दवाओं का सही उपयोग: डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन न करें। हर्बल सप्लीमेंट्स का भी ध्यानपूर्वक सेवन करें।
- व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली: नियमित व्यायाम लीवर और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- नियमित जांच: यदि आप जोखिम में हैं, तो नियमित रूप से एसजीओटी और अन्य लीवर फंक्शन टेस्ट कराएं।
निष्कर्ष
एसजीओटी टेस्ट लीवर, हृदय और अन्य अंगों की सेहत का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। इस टेस्ट के परिणामों से डॉक्टर लीवर और हृदय की समस्याओं का समय रहते निदान और उपचार कर सकते हैं। जीवनशैली में सुधार और नियमित स्वास्थ्य जांच के माध्यम से एसजीओटी के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है। यदि एसजीओटी का स्तर असामान्य है, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
इस टेस्ट की मदद से न केवल बीमारियों का प्रारंभिक पता लगाया जा सकता है, बल्कि उनके गंभीर परिणामों को भी रोका जा सकता है।
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